17 “मनुष्य के पुत्र, मैं तुम्हें इस्राएल का सन्तरी बना रहा हूँ। मैं उन बुरी घटनाओं को बताऊँगा जो उनके साथ घटित होंगी और तुम्हें इस्राएल को उन घटनाओं के बारे में चेतावनी देनी चाहिए।
17 प्रभु ने मुझ से कहा, ‘ओ मानव, मैंने तुझे इस्राएल-कुल का पहरेदार नियुक्त किया है। जब-जब तू मेरे मुंह के वचन सुनेगा, तब-तब उनको मेरी ओर से चेतावनी देना।
17 “हे मनुष्य के पुत्र, मैंने तुम्हें इस्राएल के लोगों के लिये एक पहरेदार ठहराया है; इसलिये जो बात मैं कहता हूं, उसे सुन और उन्हें मेरी ओर से चेतावनी दे.
17 “हे मनुष्य के सन्तान मैंने तुझे इस्राएल के घराने के लिये पहरुआ नियुक्त किया है; तू मेरे मुँह की बात सुनकर, उन्हें मेरी ओर से चेतावनी देना। (यहे. 33:7)
तुम्हारे भाई जो अपने अपने नगर में रहते हैं, उनमें से जिसका कोई मुक़द्दमा तुम्हारे सामने आए, चाहे वह खून का हो, चाहे व्यवस्था, अथवा किसी आज्ञा या विधि या नियम के विषय हो, उनको चिता देना कि यहोवा के विषय दोषी न हो। ऐसा न हो कि तुम पर और तुम्हारे भाइयों पर उसका क्रोध भड़के। ऐसा करो तो तुम दोषी न ठहरोगे।
मैं किससे बोलूँ और किसको चिताकर कहूँ कि वे मानें? देख, ये ऊँचा सुनते हैं, वे ध्यान भी नहीं दे सकते; देख, यहोवा के वचन की वे निन्दा करते और उसे नहीं चाहते हैं।
जब उसने बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिए अपने पास आते देखा, तो उनसे कहा, “हे साँप के बच्चो, तुम्हें किसने जता दिया कि आनेवाले क्रोध से भागो?
और परमेश्वर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं : प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ्य के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रबन्ध करनेवाले, और नाना प्रकार की भाषा बोलनेवाले।
जिसका प्रचार करके हम हर एक मनुष्य को चेतावनी देते हैं और सारे ज्ञान से हर एक मनुष्य को सिखाते हैं, कि हम हर एक व्यक्ति को मसीह में सिद्ध करके उपस्थित करें।
अपने अगुवों की आज्ञा मानो और उनके अधीन रहो, क्योंकि वे उनके समान तुम्हारे प्राणों के लिये जागते रहते हैं जिन्हें लेखा देना पड़ेगा; वे यह काम आनन्द से करें, न कि ठंडी साँस ले लेकर, क्योंकि इस दशा में तुम्हें कुछ लाभ नहीं।