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मरकुस 12:14 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 उन्होंने आकर उससे कहा, “हे गुरु, हम जानते हैं, कि तू सच्‍चा है, और किसी की परवाह नहीं करता; क्योंकि तू मनुष्यों का मुँह देख कर बातें नहीं करता, परन्तु परमेश्‍वर का मार्ग सच्‍चाई से बताता है। तो क्या कैसर को कर देना उचित है या नहीं?

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पवित्र बाइबल

14 वे उसके पास आये और बोले, “गुरु, हम जानते हैं कि तू बहुत ईमानदार है और तू इस बात की तनिक भी परवाह नहीं करता कि दूसरे लोग क्या सोचते हैं। क्योंकि तू मनुष्यों की है सियत या रुतवे पर ध्यान दिये बिना प्रभु के मार्ग की सच्ची शिक्षा देता है। सो बता कैसर को कर देना उचित है या नहीं? हम उसे कर चुकायें या न चुकायें?”

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Hindi Holy Bible

14 और उन्होंने आकर उस से कहा; हे गुरू, हम जानते हैं, कि तू सच्चा है, और किसी की परवाह नहीं करता; क्योंकि तू मनुष्यों का मुंह देख कर बातें नहीं करता, परन्तु परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से बताता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 वे आ कर उनसे बोले, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सच्‍चे हैं और आप किसी की परवाह नहीं करते। आप मुँह-देखी बात नहीं कहते, बल्‍कि सच्‍चाई से परमेश्‍वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। बताइए, व्‍यवस्‍था की दृष्‍टि में रोमन सम्राट को कर देना उचित है या नहीं?

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नवीन हिंदी बाइबल

14 उन्होंने उसके पास आकर कहा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्‍चा है और तू किसी की भी परवाह नहीं करता; क्योंकि तू किसी का पक्षपात नहीं करता, बल्कि परमेश्‍वर का मार्ग सच्‍चाई से सिखाता है। कैसर को कर देना उचित है या नहीं? हम दें या न दें?”

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सरल हिन्दी बाइबल

14 उन्होंने आकर मसीह येशु से यह प्रश्न किया, “गुरुवर, यह तो हमें मालूम है कि आप एक सच्चे व्यक्ति हैं. आपको किसी के समर्थन की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आप में पक्षपात है ही नहीं. आप पूरी सच्चाई में परमेश्वर संबंधी शिक्षा देते हैं. हमें यह बताइए: कयसर को कर देना व्यवस्था के अनुसार है या नहीं?

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मरकुस 12:14
36 क्रॉस रेफरेंस  

पर जैसा परमेश्‍वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं, और इस में मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्‍वर को, जो हमारे मनों को जाँचता है, प्रसन्न करते हैं।


फिर जो लोग कुछ समझे जाते थे (वे चाहे कैसे भी थे मुझे इस से कुछ काम नहीं; परमेश्‍वर किसी का पक्षपात नहीं करता) – उनसे जो कुछ समझे जाते थे, मुझे कुछ भी नहीं प्राप्‍त हुआ।


अब मैं क्या मनुष्यों को मनाता हूँ या परमेश्‍वर को? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न करता रहता तो मसीह का दास न होता।


अत: अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे। यद्यपि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे।


इसलिये प्रभु का भय मानकर हम लोगों को समझाते हैं; परन्तु परमेश्‍वर पर हमारा हाल प्रगट है, और मेरी आशा यह है कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा।


क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं जो परमेश्‍वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्‍चाई से और परमेश्‍वर की ओर से परमेश्‍वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।


क्योंकि यदि मैं तुम्हें उदास करूँ, तो मुझे आनन्द देनेवाला कौन होगा, केवल वही जिसको मैं ने उदास किया?


जो अपनी ओर से कुछ कहता है, वह अपनी ही बड़ाई चाहता है; परन्तु जो अपने भेजनेवाले की बड़ाई चाहता है वही सच्‍चा है, और उसमें अधर्म नहीं।


इसलिये कर भी दो क्योंकि शासन करनेवाले परमेश्‍वर के सेवक हैं और सदा इसी काम में लगे रहते हैं।


वे यह कहकर उस पर दोष लगाने लगे : “हम ने इसे लोगों को बहकाते, और कैसर को कर देने से मना करते, और अपने आप को मसीह, राजा कहते हुए सुना है।”


क्या हमें कैसर को कर देना उचित है या नहीं?”


वह आया, और तुरन्त उसके पास जाकर कहा, “हे रब्बी!” और उसको बहुत चूमा।


इसलिये हमें बता तू क्या सोचता है? कैसर को कर देना उचित है कि नहीं।”


परन्तु मैं तो यहोवा की आत्मा से शक्‍ति, न्याय और पराक्रम पाकर परिपूर्ण हूँ कि मैं याक़ूब को उसका अपराध और इस्राएल को उसका पाप जता सकूँ।


क्योंकि जब तुम ने मुझ को यह कहकर अपने परमेश्‍वर यहोवा के पास भेज दिया, ‘हमारे निमित्त हमारे परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना कर और जो कुछ हमारा परमेश्‍वर यहोवा कहे उसी के अनुसार हम को बता और हम वैसा ही करेंगे,’ तब तुम जान बूझ के अपने ही को धोखा देते थे।


हे यहोवा, झूठ बोलनेवाले मुँह से और छली जीभ से मेरी रक्षा कर।


उसके मुँह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थीं परन्तु उसके मन में लड़ाई की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी तलवारें थीं।


इसकी उपज से उन राजाओं को जिन्हें तू ने हमारे पापों के कारण हमारे ऊपर ठहराया है, बहुत धन मिलता है; और वे हमारे शरीरों और हमारे पशुओं पर अपनी अपनी इच्छा के अनुसार प्रभुता जताते हैं, इसलिये हम बड़े संकट में पड़े हैं।


अब यहोवा का भय तुम में बना रहे; चौकसी से काम करना, क्योंकि हमारे परमेश्‍वर यहोवा में कुछ भी कुटिलता नहीं है, और न वह किसी का पक्ष करता और न घूस लेता है।”


मीकायाह ने कहा, “यहोवा के जीवन की शपथ, जो कुछ मेरा परमेश्‍वर कहे वही मैं भी कहूँगा।”


तुम न्याय न बिगाड़ना; तू न तो पक्षपात करना; और न तो घूस लेना, क्योंकि घूस बुद्धिमान की आँखें अन्धी कर देती है, और धर्मियों की बातें पलट देती है।


इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।


अत: उन्होंने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्‍चा है, और परमेश्‍वर का मार्ग सच्‍चाई से सिखाता है, और किसी की परवाह नहीं करता, क्योंकि तू मनुष्यों का मुँह देखकर बातें नहीं करता।


तब उन्होंने उसे बातों में फँसाने के लिये कुछ फरीसियों और हेरोदियों को उसके पास भेजा।


हम दें, या न दें?” उसने उनका कपट जानकर उनसे कहा, “मुझे क्यों परखते हो? एक दीनार मेरे पास लाओ, कि मैं उसे देखूँ।”


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