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मरकुस 12:1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 फिर वह दृष्‍टान्तों में उनसे बातें करने लगा : “किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा, और रस का कुण्ड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर परदेश चला गया।

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पवित्र बाइबल

1 यीशु दृष्टान्त कथाओं का सहारा लेते हुए उनसे कहने लगा, “एक व्यक्ति ने अगूंरों का एक बगीचा लगाया और उसके चारों तरफ़ दीवार खड़ी कर दी। फिर अंगूर के रस के लिए एक कुण्ड बनाया और फिर उसे कुछ किसानों को किराये पर दे कर, यात्रा पर निकल पड़ा।

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Hindi Holy Bible

1 फिर वह दृष्टान्त में उन से बातें करने लगा: कि किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा, और रस का कुंड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर पर देश चला गया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 येशु महापुरोहितों, शास्‍त्रियों और धर्मवृद्धों से दृष्‍टान्‍तों में कहने लगे : “किसी मनुष्‍य ने अंगूर का उद्यान लगाया। उसने उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा; उस में रस का कुण्‍ड खुदवाया और पक्‍का मचान बनवाया। तब उसे किसानों को पट्टे पर देकर वह परदेश चला गया।

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नवीन हिंदी बाइबल

1 फिर यीशु उनसे दृष्‍टांतों में बातें करने लगा :“किसी मनुष्य ने अंगूर का बगीचा लगाया, और उसके चारों ओर बाड़ा बनाया, उसका रसकुंड खोदा और बुर्ज बनाया, फिर उसे किसानों को ठेके पर देकर यात्रा पर चला गया।

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सरल हिन्दी बाइबल

1 मसीह येशु ने उन्हें दृष्टान्तों के माध्यम से शिक्षा देना प्रारंभ किया: “एक व्यक्ति ने बगीचे में अंगूर की बेल लगाई, उसके चारों ओर बाड़ लगाई, उसमें रसकुंड खोदा, रक्षा करने का मचान बनाया और उसे किसानों को पट्टे पर देकर यात्रा पर चला गया.

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मरकुस 12:1
38 क्रॉस रेफरेंस  

यह उस मनुष्य की सी दशा है, जो परदेश जाते समय अपना घर छोड़ जाए, और अपने दासों को अधिकार दे : और हर एक को उसका काम बता दे, और द्वारपाल को जागते रहने की आज्ञा दे।


और वह उन्हें दृष्‍टान्तों में बहुत सी बातें सिखाने लगा, और अपने उपदेश में उनसे कहा,


“क्योंकि यह उस मनुष्य की सी दशा है जिसने परदेश जाते समय अपने दासों को बुलाकर अपनी संपत्ति उनको सौंप दी।


यह वही है, जिसने जंगल में कलीसिया के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उससे बातें कीं और हमारे बापदादों के साथ था, उसी को जीवित वचन मिले कि हम तक पहुँचाए।


अत: उसने कहा, “एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर लौट आए।


बहुत दिन न बीते थे कि छोटा पुत्र सब कुछ इकट्ठा करके दूर देश को चला गया, और वहाँ कुकर्म में अपनी सम्पत्ति उड़ा दी।


उसने कहा, “तुम को परमेश्‍वर के राज्य के भेदों की समझ दी गई है, पर औरों को दृष्‍टान्तों में सुनाया जाता है, इसलिये कि ‘वे देखते हुए भी न देखें, और सुनते हुए भी न समझें।’


“तुम क्या सोचते हो? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे; उसने पहले के पास जाकर कहा, ‘हे पुत्र, आज दाख की बारी में काम कर।’


तब मैं ने कहा, “हाय परमेश्‍वर यहोवा! लोग तो मेरे विषय में कहा करते हैं कि क्या वह दृष्‍टान्त ही का कहनेवाला नहीं है?”


मैं ने तो तुझे उत्तम जाति की दाखलता और उत्तम बीज करके लगाया था, फिर तू क्यों मेरे लिये जंगली दाखलता बन गई?


उस समय जिन जिन स्थानों में हज़ार टुकड़े चाँदी की हज़ार दाखलताएँ हैं, उन सब स्थानों में कटीले ही कटीले पेड़ होंगे।


उन्होंने उससे पूछा, “तू कहाँ चाहता है कि हम इसे तैयार करें?”


और उसने उनसे दृष्‍टान्तों में बहुत सी बातें कहीं : “एक बोनेवाला बीज बोने निकला।


“एक और दृष्‍टान्त सुनो : एक गृहस्वामी था, जिसने दाख की बारी लगाई, उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा, उसमें रस का कुंड खोदा और गुम्मट बनाया, और किसानों को उसका ठेका देकर परदेश चला गया।


जब फल का समय निकट आया, तो उसने अपने दासों को उसका फल लेने के लिये किसानों के पास भेजा।


इसलिये वह उन्हें पास बुलाकर उनसे दृष्‍टान्तों में कहने लगा, “शैतान कैसे शैतान को निकाल सकता है?


अत: उन्होंने यीशु को उत्तर दिया, “हम नहीं जानते।” यीशु ने उनसे कहा, “मैं भी तुम को नहीं बताता कि ये काम किस अधिकार से करता हूँ।”


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