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मत्ती 5:7 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 “धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।

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पवित्र बाइबल

7 धन्य हैं वे जो दयालु हैं क्योंकि उन पर दया गगन से बरसेगी।

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Hindi Holy Bible

7 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 धन्‍य हैं वे, जो दयालु हैं; क्‍योंकि उन पर दया की जाएगी।

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नवीन हिंदी बाइबल

7 धन्य हैं वे जो दयावान हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।

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सरल हिन्दी बाइबल

7 धन्य हैं वे, जो कृपालु हैं, क्योंकि उन पर कृपा की जाएगी.

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मत्ती 5:7
37 क्रॉस रेफरेंस  

चारपाइयाँ, तसले, मिट्टी के बर्तन, गेहूँ, जौ, मैदा, लोबिया, मसूर, भुने दाने,


“दयावन्त के साथ तू अपने को दयावन्त दिखाता; खरे पुरुष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है;


सीधे लोगों के लिये अन्धकार के बीच में ज्योति उदय होती है; वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है।


उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा; और उसका सींग महिमा के साथ ऊँचा किया जाएगा।


दयावन्त के साथ तू अपने को दयावन्त दिखाता; और खरे पुरुष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है।


वह तो दिन भर अनुग्रह कर करके ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।


कृपालु मनुष्य अपना ही भला करता है, परन्तु जो क्रूर है, वह अपनी ही देह को दु:ख देता है।


उदार प्राणी हृष्‍ट पुष्‍ट हो जाता है, और जो दूसरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी।


जो अपने पड़ोसी को तुच्छ जानता, वह पाप करता है, परन्तु जो दीन लोगों पर अनुग्रह करता, वह धन्य होता है।


जो कंगाल पर अनुग्रह करता है, वह यहोवा को उधार देता है, और वह अपने इस काम का प्रतिफल पाएगा।


धर्मी जन नष्‍ट होता है, और कोई इस बात की चिन्ता नहीं करता; भक्‍त मनुष्य उठा लिए जाते हैं, परन्तु कोई नहीं सोचता। धर्मी जन इसलिये उठा लिया गया कि आनेवाली आपत्ति से बच जाए,


इस कारण, हे राजा, मेरी यह सम्मति स्वीकार कर, कि यदि तू पाप छोड़कर धर्म करने लगे, और अधर्म छोड़कर दीन–हीनों पर दया करने लगे, तो संभव है कि ऐसा करने से तेरा चैन बना रहे।”


वह स्त्री फिर गर्भवती हुई और उसके एक बेटी उत्पन्न हुई। तब यहोवा ने होशे से कहा, “उसका नाम लोरुहामा रख; क्योंकि मैं इस्राएल के घराने पर फिर कभी दया करके उनका अपराध किसी प्रकार से क्षमा न करूँगा।


इसलिये तुम लोग अपने भाइयों से अम्मी और अपनी बहिनों से रुहामा कहो।


मैं अपने लिये उसे देश में बोऊँगा, और लोरुहामा पर दया करूँगा, और लोअम्मी से कहूँगा, तू मेरी प्रजा है, और वह कहेगा, ‘हे मेरे परमेश्‍वर’।”


हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्‍वर के साथ नम्रता से चले?


और जब कभी तुम खड़े हुए प्रार्थना करते हो तो यदि तुम्हारे मन में किसी के प्रति कुछ विरोध हो, तो क्षमा करो : इसलिये कि तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा करे।


वरन् अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो, और फिर पाने की आशा न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा, और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है।


क्योंकि जैसे तुम ने पहले परमेश्‍वर की आज्ञा न मानी, परन्तु अभी उनके आज्ञा न मानने से तुम पर दया हुई;


कुँवारियों के विषय में प्रभु की कोई आज्ञा मुझे नहीं मिली, परन्तु विश्‍वासयोग्य होने के लिये जैसी दया प्रभु ने मुझ पर की है, उसी के अनुसार सम्मति देता हूँ।


इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।


एक दूसरे पर कृपालु और करुणामय हो, और जैसे परमेश्‍वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।


इसलिये परमेश्‍वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो,


मैं तो पहले निन्दा करनेवाला, और सतानेवाला, और अन्धेर करनेवाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्‍वास की दशा में बिन समझे बूझे ये काम किये थे।


पर मुझ पर इसलिये दया हुई कि मुझ सबसे बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्‍वास करेंगे उनके लिये मैं एक आदर्श बनूँ।


इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बाँधकर चलें कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएँ जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।


क्योंकि परमेश्‍वर अन्यायी नहीं कि तुम्हारे काम, और उस प्रेम को भूल जाए, जो तुम ने उसके नाम के लिये इस रीति से दिखाया, कि पवित्र लोगों की सेवा की और कर भी रहे हो।


क्योंकि जिसने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा : दया न्याय पर जयवन्त होती है।


पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।


तुम पहले तो कुछ भी नहीं थे पर अब परमेश्‍वर की प्रजा हो; तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।


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