Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




भजन संहिता 39:5 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

5 देख, तू ने मेरी आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्‍टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे भी स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं। (सेला)

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

5 हे यहोवा, तूने मुझको बस एक क्षणिक जीवन दिया। तेरे लिये मेरा जीवन कुछ भी नहीं है। हर किसी का जीवन एक बादल सा है। कोई भी सदा नहीं जीता!

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

5 देख, तू ने मेरे आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे ही स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

5 तूने मेरे जीवन-काल को बित्ता भर बनाया है। मेरी आयु तेरे सम्‍मुख कुछ भी नहीं है। वस्‍तुत: प्रत्‍येक मनुष्‍य की स्‍थिति श्‍वास मात्र है। सेलाह

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

5 देख, तूने मेरी आयु कितनी छोटी रखी है, और मेरा जीवनकाल मानो तेरी दृष्‍टि में कुछ भी नहीं। निश्‍चय हर एक मनुष्य, कितना ही स्थिर क्यों न हो, फिर भी भाप के समान ही है। सेला।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

5 आपने मेरी आयु क्षणिक मात्र ही निर्धारित की है; आपकी तुलना में मेरी आयु के वर्ष नगण्य हैं. वैसे भी मनुष्य का जीवन-श्वास मात्र ही होता है, वह शक्तिशाली व्यक्ति का भी.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




भजन संहिता 39:5
17 क्रॉस रेफरेंस  

याक़ूब ने फ़िरौन से कहा, “मैं एक सौ तीस वर्ष परदेशी होकर अपना जीवन बिता चुका हूँ; मेरे जीवन के दिन थोड़े और दु:ख से भरे हुए भी थे, और मेरे बापदादे परदेशी होकर जितने दिन तक जीवित रहे उतने दिन का मैं अभी नहीं हुआ।”


बर्जिल्‍लै ने राजा से कहा, “मुझे कितने दिन जीवित रहना है कि मैं राजा के संग यरूशलेम को जाऊँ?


मेरे दिन जुलाहे की ढरकी से अधिक फुर्ती से चलनेवाले हैं और निराशा में बीते जाते हैं।


मनुष्य तो साँस के समान है; उसके दिन ढलती हुई छाया के समान हैं।


जब तू मनुष्य को अधर्म के कारण डाँट– डपटकर ताड़ना देता है; तब तू उसकी सुन्दरता को पतंगे के समान नष्‍ट करता है; सचमुच सब मनुष्य वृथाभिमान करते हैं। (सेला)


सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; तौल में वे हलके निकलते हैं; वे सब के सब साँस से भी हलके हैं।


मेरा स्मरण कर कि मैं कैसा अनित्य हूँ, तू ने सब मनुष्यों को क्यों व्यर्थ सिरजा है?


हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएँ।


उपदेशक का यह वचन है, “व्यर्थ ही व्यर्थ, व्यर्थ ही व्यर्थ! सब कुछ व्यर्थ है।”


तब मैं ने फिर से अपने हाथों के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, तो क्या देखा कि सब कुछ व्यर्थ और वायु को पकड़ना है, और संसार में कोई लाभ नहीं।


सारी जातियाँ उसके सामने कुछ नहीं हैं, वे उसकी दृष्‍टि में लेश और शून्य से भी घट ठहरी हैं।


और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा। सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो भाप के समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है फिर लोप हो जाती है।


हे प्रियो, यह बात तुम से छिपी न रहे कि प्रभु के यहाँ एक दिन हज़ार वर्ष के बराबर है, और हज़ार वर्ष एक दिन के बराबर है।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों