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भजन संहिता 102:4 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

4 मेरा मन झुलसी हुई घास के समान सूख गया है; और मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूँ।

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पवित्र बाइबल

4 मेरी शक्ति क्षीण हो चुकी है। मैं वैसा ही हूँ जैसा सूखी मुरझाती घास। अपनी वेदनाओं में मुझे भूख नहीं लगती।

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Hindi Holy Bible

4 मेरा मन झुलसी हुई घास की नाईं सूख गया है; और मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

4 मेरा हृदय घास की भांति झुलसकर सूख गया है; मैं भोजन करना भी भूल गया हूँ।

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नवीन हिंदी बाइबल

4 मेरा मन घास के समान झुलसकर सूख गया है, यहाँ तक कि मैं अपनी रोटी खाना भी भूल जाता हूँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

4 घास के समान मेरा हृदय झुलस कर मुरझा गया है; मुझे स्मरण ही नहीं रहता कि मुझे भोजन करना है.

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भजन संहिता 102:4
21 क्रॉस रेफरेंस  

जब यहोवा की साँस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है।


क्योंकि वे घास के समान झट कट जाएँगे, और हरी घास के समान मुर्झा जाएँगे।


मैं परमेश्‍वर का स्मरण कर करके कराहता हूँ; मैं चिन्ता करते करते मूर्च्छित हो चला हूँ। (सेला)


तब एज्रा परमेश्‍वर के भवन के सामने से उठा, और एल्याशीब के पुत्र योहानान की कोठरी में गया, और वहाँ पहुँचकर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बँधुआई में से निकल आए हुओं के विश्‍वासघात के कारण शोक करता रहा।


वह तीन दिन तक न देख सका, और न खाया और न पीया।


मैं उन्हीं पर सोचता रहता हूँ, इस से मेरा प्राण ढला जाता है।


उस ने अपने तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है;


मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान है; और मैं आप घास के समान सूख चला हूँ।


क्योंकि मैं ने रोटी के समान राख खाई और आँसू मिलाकर पानी पीता हूँ।


मेरा हृदय नामधराई के कारण फट गया, और मैं बहुत उदास हूँ। मैं ने किसी तरस खानेवाले की आशा तो की, परन्तु किसी को न पाया, और शान्ति देनेवाले को ढूँढ़ता तो रहा, परन्तु कोई न मिला।


हे मेरे परमेश्‍वर; मेरा प्राण मेरे भीतर गिरा जाता है, इसलिये मैं यरदन के पास के देश से और हर्मोन के पहाड़ों और मिसगार की पहाड़ी के ऊपर से तुझे स्मरण करता हूँ।


यहाँ तक कि उसका प्राण रोटी से, और उसका मन स्वादिष्‍ट भोजन से घृणा करने लगता है।


“मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है; मैं स्वतंत्रता पूर्वक कुड़कुड़ाऊँगा; और मैं अपने मन की कड़वाहट के मारे बातें करूँगा।


क्योंकि सर्वशक्‍तिमान के तीर मेरे अन्दर चुभे हैं; और उनका विष मेरी आत्मा में पैठ गया है; परमेश्‍वर की भयंकर बात मेरे विरुद्ध पाँति बाँधे हैं।


तब उसके घराने के पुरनिये उठकर उसे भूमि पर से उठाने के लिये उसके पास गए; परन्तु उसने न चाहा, और उनके संग रोटी न खाई।


मेरा चमड़ा काला होकर मुझ पर से गिरता जाता है, और ताप के मारे मेरी हड्डियाँ जल गई हैं।


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