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नीतिवचन 23:32 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

32 क्योंकि अन्त में वह सर्प के समान डसता है, और करैत के समान काटता है।

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पवित्र बाइबल

32 सर्प के समान वह डसती, अन्त में जहर भर देती है जैसे नाग भर देता है।

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Hindi Holy Bible

32 क्योंकि अन्त में वह सर्प की नाईं डसता है, और करैत के समान काटता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

32 तब अन्‍त में वह सांप के सदृश डसती है, करैत सर्प के समान काटती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

32 अंत में वह सर्प के समान डसता है, और करैत के समान काटता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

32 अंत में सर्पदंश के समान होता है दाखमधु का प्रभाव तथा विषैले सर्प के समान होता है उसका प्रहार.

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नीतिवचन 23:32
18 क्रॉस रेफरेंस  

वह नागों का विष चूस लेगा, वह करैत के डसने से मर जाएगा।


तू सिंह और नाग को कुचलेगा, तू जवान सिंह और अजगर को लताड़ेगा।


उन्होंने भी अपनी–अपनी लाठी को डाल दिया, और वे भी अजगर बन गईं। पर हारून की लाठी उनकी लाठियों को निगल गई।


दाखमधु ठट्ठा करनेवाला और मदिरा हल्‍ला मचानेवाली है; जो कोई उसके कारण चूक करता है, वह बुद्धिमान नहीं।


और तू अपने अन्तिम समय में जब कि तेरा शरीर क्षीण हो जाए तब यह कहकर हाय मारने लगे,


जो गड़हा खोदे वह उसमें गिरेगा और जो बाड़ा तोड़े उसको सर्प डसेगा।


दूध–पीता बच्‍चा करैत के बिल पर खेलेगा, और दूध छुड़ाया हुआ लड़का नाग के बिल में हाथ डालेगा।


एप्रैमी मतवालों के घमण्ड का मुकुट पाँव से लताड़ा जाएगा;


वे साँपिन के अण्डे सेते और मकड़ी के जाले बनाते हैं; जो कोई उनके अण्डे खाता वह मर जाता है, और जब कोई एक को फोड़ता तब उसमें से सपोला निकलता है।


भविष्यद्वक्‍ता झूठमूठ भविष्यद्वाणी करते हैं; और याजक उनके सहारे से प्रभुता करते हैं; मेरी प्रजा को यह भाता भी है, परन्तु अन्त के समय तुम क्या करोगे?


क्योंकि देखो, मैं तुम्हारे बीच में ऐसे साँप और नाग भेजूँगा जिन पर मंत्र न चलेगा, और वे तुम को डसेंगे,” यहोवा की यही वाणी है।


जैसा कोई सिंह से भागे और उसे भालू मिले; या घर में आकर भीत पर हाथ टेके और साँप उसको डसे।


चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएँ, परन्तु वहाँ भी मैं उन्हें ढूँढ़–ढूँढ़कर पकड़ लूँगा, और चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्‍टि से ओट हों, वहाँ भी मैं सर्प को उन्हें डसने की आज्ञा दूँगा।


अत: जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? क्योंकि उनका अन्त तो मृत्यु है।


दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इससे लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ,


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