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नीतिवचन 21:13 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी।

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पवित्र बाइबल

13 यदि किसी गरीब की, करुणा पुकार पर कोई मनुष्य निज कान बंद करता है, तो वह जब पुकारेगा उसकी पुकार भी नहीं सुनी जायेगी।

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Hindi Holy Bible

13 जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 जो मनुष्‍य गरीब की दुहाई सुनकर कान बन्‍द कर लेता है, वह जब स्‍वयं सहायता के लिए पुकारेगा तब उसकी दुहाई भी नहीं सुनी जाएगी।

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नवीन हिंदी बाइबल

13 जो कंगाल की दुहाई अनसुनी करता है, उसकी अपनी पुकार भी सुनी न जाएगी।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 जो कोई निर्धन की पुकार की अनसुनी करता है, उसकी पुकार के अवसर पर उसकी भी अनसुनी की जाएगी.

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नीतिवचन 21:13
20 क्रॉस रेफरेंस  

जो निर्धन को दान देता है उसे घटी नहीं होती, परन्तु जो उससे दृष्‍टि फेर लेता है वह शाप पर शाप पाता है।


“इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।


उस समय वे मुझे पुकारेंगे, और मैं न सुनूँगी; वे मुझे यत्न से तो ढूँढ़ेंगे, परन्तु न पाएँगे।


क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी नाप से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा।*


उन में सर्प का सा विष है; वे उस नाग के समान हैं, जो सुनना नहीं चाहता;


उन्होंने दोहाई तो दी परन्तु उन्हें कोई भी बचानेवाला न मिला, उन्होंने यहोवा की भी दोहाई दी, परन्तु उसने भी उनको उत्तर न दिया।


तब उन्होंने बड़े शब्द से चिल्‍लाकर कान बन्द कर लिए, और एक साथ उस पर झपटे;


फिर मैं ने अपने कपड़े की छोर झाड़कर कहा, “इसी रीति से जो कोई इस वचन को पूरा न करे, उसको परमेश्‍वर झाड़कर, उसका घर और कमाई उससे छुड़ाए, और इसी रीति से वह झाड़ा जाए, और छूछा हो जाए।” तब सारी सभा ने कहा, “आमीन!” और यहोवा की स्तुति की। तब लोगों ने इस वचन के अनुसार काम किया।


जब घर का स्वामी उठकर द्वार बन्द कर चुका हो, और तुम बाहर खड़े हुए द्वार खटखटाकर कहने लगो, ‘हे प्रभु, हमारे लिये खोल दे,’ और वह उत्तर दे, ‘मैं तुम्हें नहीं जानता, तुम कहाँ के हो?’


पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस खाना न चाहे, तो उसमें परमेश्‍वर का प्रेम कैसे बना रह सकता है?


क्योंकि मैं दोहाई देनेवाले दीन जन को, और असहाय अनाथ को भी छुड़ाता था।


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