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नीतिवचन 14:17 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 जो झट क्रोध करे, वह मूढ़ता का काम भी करेगा, और जो बुरी युक्‍तियाँ निकालता है, उससे लोग बैर रखते हैं।

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पवित्र बाइबल

17 ऐसा मनुष्य जिसे शीघ्र क्रोध आता है, वह मूर्खतापूर्ण काम कर जाता है और वह मनुष्य जो छल—छंदी होता है वह तो घृणा सब ही की पाता है।

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Hindi Holy Bible

17 जो झट क्रोध करे, वह मूढ़ता का काम भी करेगा, और जो बुरी युक्तियां निकालता है, उस से लोग बैर रखते हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 जो मनुष्‍य तुरन्‍त क्रोध करता है, वह मूर्खता का कार्य करता है; किन्‍तु जिसमें विवेक है, वह धीरज रखता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

17 शीघ्र क्रोध करनेवाला मनुष्य मूर्खतापूर्ण कार्य करता है, और जो बुरी युक्‍तियाँ रचता है उससे लोग बैर रखते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

17 वह, जो शीघ्र क्रोधी हो जाता है, मूर्ख है, तथा वह जो बुराई की युक्ति करता है, घृणा का पात्र होता है.

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नीतिवचन 14:17
18 क्रॉस रेफरेंस  

क्या दमिश्क की अबाना और पर्पर नदियाँ इस्राएल के सब जलाशयों से उत्तम नहीं हैं? क्या मैं उनमें स्‍नान करके शुद्ध नहीं हो सकता हूँ?” इसलिये वह क्रोध से भरा हुआ लौटकर चला गया।


उसने केवल मोर्दकै पर हाथ उठाना अपनी मर्यादा से कम जाना। क्योंकि उन्होंने हामान को यह बता दिया था कि मोर्दकै किस जाति का है, इसलिये हामान ने क्षयर्ष के साम्राज्य में रहनेवाले सारे यहूदियों को भी मोर्दकै की जाति जानकर, नष्‍ट कर डालने की युक्‍ति निकाली।


मूढ़ की रिस उसी दिन प्रगट हो जाती है, परन्तु चतुर अपमान को छिपा रखता है।


भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु बुरी युक्‍ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है।


बुद्धिमान डरकर बुराई से हटता है, परन्तु मूर्ख ढीठ होकर निडर रहता है।


भोलों का भाग मूढ़ता ही होता है, परन्तु चतुरों को ज्ञानरूपी मुकुट बाँधा जाता है।


जो विलम्ब से क्रोध करनेवाला है वह बड़ा समझवाला है, परन्तु जो अधीर है, वह मूढ़ता की बढ़ती करता है।


क्रोधी पुरुष झगड़ा मचाता है, परन्तु जो विलम्ब से क्रोध करनेवाला है, वह मुक़द्दमों को दबा देता है।


विलम्ब से क्रोध करना वीरता से, और अपने मन को वश में रखना, नगर को जीत लेने से उत्तम है।


मुक़द्दमे से हाथ उठाना, पुरुष की महिमा ठहरती है; परन्तु सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं।


क्रोधी मनुष्य का मित्र न होना, और झट क्रोध करनेवाले के संग न चलना,


क्रोध करनेवाला मनुष्य झगड़ा मचाता है, और अत्यन्त क्रोध करनेवाला अपराधी भी होता है।


अनर्थ कल्पना गढ़नेवाला मन, बुराई करने को वेग दौड़नेवाले पाँव,


अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों ही के हृदय में रहता है।


छली की चालें बुरी होती हैं, वह दुष्‍ट युक्‍तियाँ निकालता है कि दरिद्र को भी झूठी बातों में लूटे जब कि वे ठीक और नम्रता से भी बोलते हों।


हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जान लो : हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्पर और बोलने में धीर और क्रोध में धीमा हो,


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