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तीतुस 3:2 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 किसी को बदनाम न करें, झगड़ालू न हों; पर कोमल स्वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें।

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पवित्र बाइबल

2 किसी की निन्दा न करें। शांति-प्रिय और सज्जन बनें। सब लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें।

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Hindi Holy Bible

2 किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 किसी की निन्‍दा न करें, झगड़ालू नहीं, बल्‍कि सहनशील हों और सब लोगों के साथ नम्र व्‍यवहार करें।

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नवीन हिंदी बाइबल

2 वे किसी की निंदा न करें, लड़ाई-झगड़ा न करें, शालीन हों और सब मनुष्यों के साथ नम्रतापूर्वक व्यवहार करें।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 किसी की बुराई न करें, झगड़ालू नहीं, कोमल स्वभाव के हों तथा सबके साथ विनम्र रहें.

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तीतुस 3:2
35 क्रॉस रेफरेंस  

तू ने मुझ को अपने उद्धार की ढाल दी है, और तेरी नम्रता मुझे बढ़ाती है।


बकवादी पृथ्वी पर स्थिर नहीं होने का; उपद्रवी पुरुष को गिराने के लिये बुराई उसका पीछा करेगी।


जो बड़ा क्रोधी है, उसे दण्ड उठाने दे; क्योंकि यदि तू उसे बचाए, तो बारम्बार बचाना पड़ेगा।


लम्बे चौड़े घर में झगड़ालू पत्नी के संग रहने से छत के कोने पर रहना उत्तम है।


झूठ बोलनेवाला साक्षी और भाइयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करनेवाला मनुष्य।


वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्‍चों को अँकवार में लिए रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे–धीरे ले चलेगा।


मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो, और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूँ : और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।


पौलुस ने कहा, “हे भाइयो, मैं नहीं जानता था कि यह महायाजक है; क्योंकि लिखा है : ‘अपने लोगों के प्रधान को बुरा न कह’।”


न चोर, न लोभी, न पियक्‍कड़, न गाली देनेवाले, न अन्धेर करनेवाले परमेश्‍वर के राज्य के वारिस होंगे।


क्योंकि सबसे स्वतंत्र होने पर भी मैं ने अपने आप को सब का दास बना दिया है कि अधिक लोगों को खींच लाऊँ।


मैं वही पौलुस जो तुम्हारे सामने दीन हूँ परन्तु पीठ पीछे तुम्हारी ओर साहस करता हूँ, तुम को मसीह की नम्रता और कोमलता के कारण समझाता हूँ।


क्योंकि मुझे डर है, कहीं ऐसा न हो कि मैं आकर जैसा चाहता हूँ, वैसा तुम्हें न पाऊँ; और मुझे भी जैसा तुम नहीं चाहते वैसा ही पाओ; और तुम में झगड़ा, डाह, क्रोध, विरोध, ईर्ष्या, चुगली, अभिमान और बखेड़े हों;


पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्‍वास,


हे भाइयो, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो।


इसलिये जहाँ तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें, विशेष करके विश्‍वासी भाइयों के साथ।


अर्थात् सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो;


सब प्रकार की कड़वाहट, और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा, सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।


तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो। प्रभु निकट है।


परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन–पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच में रहकर कोमलता दिखाई है;


इसी प्रकार से स्त्रियों को भी गम्भीर होना चाहिए; दोष लगानेवाली न हों, पर सचेत और सब बातों में विश्‍वासयोग्य हों।


पियक्‍कड़ या मारपीट करनेवाला न हो; वरन् कोमल हो, और न झगड़ालु, और न धन का लोभी हो।


पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।


हे भाइयो, एक दूसरे की बदनामी न करो। जो अपने भाई की बदनामी करता है या भाई पर दोष लगाता है, वह व्यवस्था की बदनामी करता है और व्यवस्था पर दोष लगाता है; और यदि तू व्यवस्था पर दोष लगाता है, तो तू व्यवस्था पर चलनेवाला नहीं पर उस पर हाकिम ठहरा।


इसलिये सब प्रकार का बैरभाव और छल और कपट और डाह और निन्दा को दूर करके,


क्योंकि “जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे।


अत: सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखनेवाले, और करुणामय, और नम्र बनो।


इससे वे अचम्भा करते हैं कि तुम ऐसे भारी लुचपन में उनका साथ नहीं देते, और इसलिये वे बुरा भला कहते हैं;


विशेष करके उन्हें जो अशुद्ध अभिलाषाओं के पीछे शरीर के अनुसार चलते और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं। वे ढीठ, और हठी हैं, और ऊँचे पदवालों को बुरा भला कहने से नहीं डरते,


पर ये लोग जिन बातों को नहीं जानते उनको बुरा–भला कहते हैं, और जिन बातों को अचेतन पशुओं के समान स्वभाव ही से जानते हैं, उनमें अपने आप को नष्‍ट करते हैं।


उसी रीति से ये स्वप्नदर्शी भी अपने–अपने शरीर को अशुद्ध करते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं, और ऊँचे पदवालों को बुरा भला कहते हैं।


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