उत्पत्ति 49:6 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)
6 हे मेरे जीव, उनके मर्म में न पड़, हे मेरी महिमा, उनकी सभा में मत मिल; क्योंकि उन्होंने कोप से मनुष्यों को घात किया, और अपनी ही इच्छा पर चलकर बैलों को पंगु बनाया।
6 उन्होंने गुप्त रूप से बुरी योजनाएँ बनाईं। मेरी आत्मा उनकी योजना का कोई अंश नहीं चाहती। मैं उनकी गुप्त बैठकों को स्वीकार नहीं करूँगा। उन्होंने आदमियों की हत्या की जब वे क्रोध में थे और उन्होंने केवल विनोद के लिए जानवरों को चोट पहुँचाई।
6 हे मेरे जीव, उनके मर्म में न पड़, हे मेरी महिमा, उनकी सभा में मत मिल; क्योंकि उन्होंने कोप से मनुष्यों को घात किया, और अपनी ही इच्छा पर चलकर बैलों की पूंछें काटी हैं॥
6 ओ मेरे प्राण! उनकी गुप्त बैठक में भाग मत ले, ओ मेरी आत्मा! उनकी सभा से सहयोग मत कर। क्योंकि वे अपने क्रोध में मनुष्यों की हत्या करते हैं। वे अपनी असंयमित इच्छा के कारण बैलों को लंगड़ा बनाते हैं।
6 मैं उनकी संगति न करूँगा, और न ही मैं उनकी सभा में सम्मिलित होऊँगा, क्योंकि वे अपने क्रोध में मनुष्यों को मार डालते, और अपने उन्माद में बैलों को पंगु बनाते हैं।
6 ऐसा कभी न हो कि मुझे उनकी सभा में जाना पड़े, मैं उनकी सभाओं से न जुडूं, क्योंकि गुस्से में उन्होंने मनुष्यों को मार डाला तथा सनक में उन्होंने बैलों की नसें काट दी.
तब याक़ूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुम ने जो इस देश के निवासी कनानियों और परिज्जियों के मन में मेरे प्रति घृणा उत्पन्न कराई है, इस से तुम ने मुझे संकट में डाला है, क्योंकि मेरे साथ तो थोड़े ही लोग हैं; इसलिये अब वे इकट्ठे होकर मुझ पर चढ़ेंगे, और मुझे मार डालेंगे, तो मैं अपने घराने समेत नष्ट हो जाऊँगा।”
और दाऊद ने उससे एक हज़ार सात सौ सवार, और बीस हज़ार प्यादे छीन लिए; और सब रथवाले घोड़ों के घुटनों के पीछे की नस कटवाई, परन्तु एक सौ रथ के लिये घोड़े बचा रखे।
दाऊद ने उससे एक हज़ार रथ, सात हज़ार सवार, और बीस हज़ार प्यादे छीन लिए, और दाऊद ने सब रथवाले घोड़ों के घुटनों के पीछे की नस कटवाई, परन्तु अपने एक सौ रथों के लिये घोड़े बचा रखे।
हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख; क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है, मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा।
हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूँगा।
हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा।
हे परमेश्वर, तू उनको दोषी ठहरा; वे अपनी ही युक्तियों से आप ही गिर जाएँ; उनको उनके अपराधों की अधिकाई के कारण निकाल बाहर कर, क्योंकि उन्होंने तुझ से बलवा किया है।
हाय! हाय! मेरा हृदय भीतर ही भीतर तड़पता है! और मेरा मन घबराता है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्योंकि हे मेरे प्राण, नरसिंगे का शब्द और युद्ध की ललकार तुझ तक पहुँची है।