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इब्रानियों 6:17 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 इसलिये जब परमेश्‍वर ने प्रतिज्ञा के वारिसों पर और भी साफ रीति से प्रगट करना चाहा कि उसका उद्देश्य बदल नहीं सकता, तो शपथ को बीच में लाया।

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पवित्र बाइबल

17 परमेश्वर इसे उन लोगों के लिए, पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता था, जिन्हें उसे पाना था, जिसे देने की उसने प्रतिज्ञा की थी कि वह अपने प्रयोजन को कभी नहीं बदलेगा। इसलिए अपने वचन के साथ उसने अपनी शपथ को जोड़ दिया।

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Hindi Holy Bible

17 इसलिये जब परमेश्वर ने प्रतिज्ञा के वारिसों पर और भी साफ रीति से प्रगट करना चाहा, कि उसकी मनसा बदल नहीं सकती तो शपथ को बीच में लाया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 परमेश्‍वर प्रतिज्ञा के उत्तराधिकारियों को सुस्‍पष्‍ट रूप से अपने संकल्‍प की अपरिवर्तनीयता दिखलाना चाहता था, इसलिए उसने शपथ खा कर प्रतिज्ञा की।

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नवीन हिंदी बाइबल

17 इसलिए जब परमेश्‍वर ने प्रतिज्ञा के उत्तराधिकारियों पर अपने अटल उद्देश्य को और भी अधिक प्रकट करना चाहा, तो उसने शपथ का उपयोग किया,

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सरल हिन्दी बाइबल

17 इसी प्रकार परमेश्वर ने इस उद्देश्य से शपथ ली कि वह प्रतिज्ञा के वारिसों को अपने न बदलनेवाले उद्देश्य के विषय में पूरी तरह संतुष्ट करें.

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इब्रानियों 6:17
31 क्रॉस रेफरेंस  

उन्होंने कहा, “हम ने तो प्रत्यक्ष देखा है कि यहोवा तेरे साथ रहता है; इसलिये हम ने सोचा कि तू तो यहोवा की ओर से धन्य है, अत: हमारे तेरे बीच में शपथ खाई जाए, और हम तुझ से इस विषय की वाचा बन्धाएँ,


यहोवा ने शपथ खाई और न पछताएगा : “तू मेल्कीसेदेक की रीति पर सर्वदा का याजक है।”


यहोवा की युक्‍ति सर्वदा स्थिर रहेगी, उसके मन की कल्पनाएँ पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी।


वे तेरे भवन के चिकने भोजन से तृप्‍त होंगे, और तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा।


तो उन दोनों के बीच यहोवा की शपथ खिलाई जाए, ‘मैं ने इसकी सम्पत्ति पर हाथ नहीं लगाया;’ तब सम्पत्ति का स्वामी इसको सच माने, और दूसरे को उसे कुछ भी भर देना न होगा।


मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएँ होती हैं, परन्तु जो युक्‍ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।


हे मेरी बहिन, हे मेरी दुल्हिन, मैं अपनी बारी में आया हूँ, मैं ने अपना गन्धरस और बलसान चुन लिया; मैं ने मधु समेत छत्ता खा लिया, मैं ने दूध और दाखमधु पी लिया। हे मित्रो, तुम भी खाओ, हे प्यारो, पियो, मनमाना पियो!


सेनाओं के यहोवा ने यह शपथ खाई है, “नि:सन्देह जैसा मैं ने ठान लिया है, वैसा ही हो जाएगा, और जैसी मैं ने युक्‍ति की है, वैसी ही पूरी होगी,


मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूँ जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूँ, ‘मेरी युक्‍ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूँगा।’


उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा।


दुष्‍ट अपनी चालचलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्‍वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा।


“क्योंकि मैं यहोवा बदलता नहीं; इसी कारण, हे याक़ूब की सन्तान तुम नष्‍ट नहीं हुए।


चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है; मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएँ, और बहुतायत से पाएँ।


क्योंकि परमेश्‍वर के वरदान और बुलाहट अटल हैं।


और यदि सन्तान हैं तो वारिस भी, वरन् परमेश्‍वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, कि जब हम उसके साथ दु:ख उठाएँ तो उसके साथ महिमा भी पाएँ।


और यदि तुम मसीह के हो तो अब्राहम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो।


उसी में जिसमें हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहले से ठहराए जाकर मीरास बने


विश्‍वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ जो विश्‍वास से होता है।


विश्‍वास ही से उसने प्रतिज्ञा किए हुए देश में, पराए देश में परदेशी के समान, रहकर इसहाक और याकूब समेत, जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बुओं में वास किया।


ताकि तुम आलसी न हो जाओ, वरन् उनका अनुकरण करो जो विश्‍वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं।


मनुष्य तो अपने से किसी बड़े की शपथ खाया करते हैं, और उनके हर एक विवाद का फैसला शपथ से पक्‍का होता है।


ताकि दो बे–बदल बातों के द्वारा, जिनके विषय में परमेश्‍वर का झूठा ठहरना अनहोना है, दृढ़ता से हमारा ढाढ़स बंध जाए, जो शरण लेने को इसलिये दौड़े हैं कि उस आशा को जो सामने रखी हुई है प्राप्‍त करें।


क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिसमें न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, और न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।


हे मेरे प्रिय भाइयो, सुनो। क्या परमेश्‍वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्‍वास में धनी और उस राज्य के अधिकारी हों, जिसकी प्रतिज्ञा उस ने उनसे की है जो उससे प्रेम रखते हैं?


हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्‍वर और पिता का धन्यवाद हो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया,


वैसे ही हे पतियो, तुम भी बुद्धिमानी से पत्नियों के साथ जीवन निर्वाह करो, और स्त्री को निर्बल पात्र जानकर उसका आदर करो, यह समझकर कि हम दोनों जीवन के वरदान के वारिस हैं, जिससे तुम्हारी प्रार्थनाएँ रुक न जाएँ।


हमारे पर का पालन करें:

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