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अय्यूब 37:19 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

19 तू हमें यह सिखा कि उससे क्या कहना चाहिये? क्योंकि हम अन्धियारे के कारण अपना व्याख्यान ठीक से नहीं रच सकते।

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पवित्र बाइबल

19 “अय्यूब, हमें बता कि हम परमेश्वर से क्या कहें। हम उससे कुछ भी कहने को सोच नहीं पाते क्योंकि हम पर्याप्त कुछ भी नहीं जानते।

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Hindi Holy Bible

19 तू हमें यह सिखा कि उस से क्या कहना चाहिये? क्योंकि हम अन्धियारे के कारण अपना व्याख्यान ठीक नहीं रच सकते।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

19 अय्‍यूब, हमें सिखाओ कि हमें परमेश्‍वर से क्‍या कहना चाहिए, क्‍योंकि अन्‍धकार के कारण हम अपने तर्क अच्‍छे ढंग से पेश नहीं कर सकते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

19 “आप ही हमें बताइए, कि हमें परमेश्वर से क्या निवेदन करना होगा; हमारे अंधकार के कारण उनके सामने अपना पक्ष पेश करना हमारे लिए संभव नहीं!

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

19 तू हमें यह सिखा कि उससे क्या कहना चाहिये? क्योंकि हम अंधियारे के कारण अपना व्याख्यान ठीक नहीं रच सकते।

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अय्यूब 37:19
17 क्रॉस रेफरेंस  

हे प्रियो, अब हम परमेश्‍वर की सन्तान हैं, और अभी तक यह प्रगट नहीं हुआ कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं कि जब वह प्रगट होगा तो हम उसके समान होंगे, क्योंकि उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है।


अभी हमें दर्पण में धुँधला सा दिखाई देता है, परन्तु उस समय आमने–सामने देखेंगे; इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है, परन्तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूँगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूँ।


यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।


मैं तो पशु सरीखा था, और समझता न था, मैं तेरे संग रहकर भी, पशु बन गया था।


तू ने पूछा, ‘तू कौन है जो ज्ञानरहित होकर युक्‍ति पर परदा डालता है?’ परन्तु मैं ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात् जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिनको मैं जानता भी नहीं था।


“यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्‍ति को बिगाड़ना चाहता है?


देखो, ये तो उसकी गति के किनारे ही हैं; और उसकी आहट फुसफुसाहट ही सी तो सुन पड़ती है, फिर उसके पराक्रम के गरजने का भेद कौन समझ सकता है?”


मेरा विवाद सुनो, और मेरी बहस की बातों पर कान लगाओ।


मैं तो सर्वशक्‍तिमान से बातें करूँगा, और मेरी अभिलाषा परमेश्‍वर से वाद–विवाद करने की है।


परन्तु तुम्हारे समान मुझ में भी समझ है, मैं तुम लोगों से कुछ कम नहीं हूँ। कौन ऐसा है जो ऐसी बातें न जानता हो?


इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है : क्योंकि हम नहीं जानते कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए, परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर, जो बयान से बाहर हैं, हमारे लिये विनती करता है;


फिर मैं क्या हूँ, जो उसे उत्तर दूँ, और बातें छाँट छाँटकर उस से विवाद करूँ?


क्या उसको बताया जाए कि मैं बोलना चाहता हूँ? क्या कोई अपना सत्यानाश चाहता है?


“देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूँ? मैं अपनी अंगुली दाँत तले दबाता हूँ।


हमारे पर का पालन करें:

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