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अय्यूब 31:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 क्या वह कुटिल मनुष्यों के लिये विपत्ति और अनर्थ काम करनेवालों के लिये सत्यानाश का कारण नहीं है?

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पवित्र बाइबल

3 दुष्ट लोगों के लिये परमेश्वर संकट और विनाश भेजता है, और जो बुरा करते हैं, उनके लिये विध्वंस भेजता है।

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Hindi Holy Bible

3 क्या वह कुटिल मनुष्यों के लिये विपत्ति और अनर्थ काम करने वालों के लिये सत्यानाश का कारण नहीं है?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 क्‍या अधर्मियों पर विपत्ति नहीं आती? क्‍या दुष्‍कर्मियों का सर्वनाश नहीं होता?

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सरल हिन्दी बाइबल

3 क्या अन्यायी के लिए विध्वंस तथा दुष्ट लोगों के लिए सर्वनाश नहीं?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

3 क्या वह कुटिल मनुष्यों के लिये विपत्ति और अनर्थ काम करनेवालों के लिये सत्यानाश का कारण नहीं है?

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अय्यूब 31:3
21 क्रॉस रेफरेंस  

इसको देखकर किसी मनुष्य ने योआब को बताया, “मैं ने अबशालोम को बांज वृक्ष में टँगा हुआ देखा।”


उसका बल दु:ख से घट जाएगा, और विपत्ति उसके पास ही तैयार रहेगी।


परमेश्‍वर की ओर से दुष्‍ट मनुष्य का अंश, और उसके लिये परमेश्‍वर का ठहराया हुआ भाग यही है।”


“कितनी बार दुष्‍टों का दीपक बुझता है? या उन पर विपत्ति आ पड़ती है? या परमेश्‍वर क्रोध करके उनके भाग में शोक देता है?


कि विपत्ति के दिन दुर्जन सुरक्षित रहता है; और महाप्रलय के समय ऐसे लोग बचाए जाते हैं?


क्योंकि परमेश्‍वर के प्रताप के कारण मैं ऐसा नहीं कर सकता था, क्योंकि उसकी ओर की विपत्ति के कारण मैं भयभीत होकर थरथराता था।


ऐसा अन्धियारा या घोर अन्धकार कहीं नहीं है जिस में अनर्थ करनेवाले छिप सकें।


परन्तु हे परमेश्‍वर, तू उन लोगों को विनाश के गड़हे में गिरा देगा; हत्यारे और छली मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी जीवित न रहेंगे। परन्तु मैं तुझ पर भरोसा रखे रहूँगा।


निश्‍चय तू उन्हें फिसलनेवाले स्थानों में रखता है; और गिराकर सत्यानाश कर देता है।


वरन् आँधी के समान तुम पर भय आ पड़ेगा, और विपत्ति बवण्डर के समान आ पड़ेगी, और तुम संकट और सकेती में फँसोगे, तब मैं ठट्ठा करूँगी।


यहोवा खरे मनुष्य का गढ़ ठहरता है, परन्तु अनर्थकारियों का विनाश होता है।


न्याय का काम करना धर्मी को तो आनन्द, परन्तु अनर्थकारियों को विनाश ही का कारण जान पड़ता है।


क्योंकि यहोवा ऐसा उठ खड़ा होगा जैसा वह पराजीम नामक पर्वत पर खड़ा हुआ और जैसा गिबोन की तराई में उसने क्रोध दिखाया था; वह अब फिर क्रोध दिखाएगा जिससे वह अपना काम करे, जो अचम्भित काम है, और वह कार्य करे जो अनोखा है।


परन्तु यदि यहोवा अपनी अनोखी शक्‍ति प्रकट करे, और पृथ्वी अपना मुँह पसारकर उनको, और उनका सब कुछ निगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक में जा पड़ें, तो तुम समझ लो कि इन मनुष्यों ने यहोवा का अपमान किया है।”


“सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और सरल है वह मार्ग जो विनाश को पहुँचाता है; और बहुत से हैं जो उस से प्रवेश करते हैं।


तो इसमें कौन सी आश्‍चर्य की बात है कि परमेश्‍वर ने अपना क्रोध दिखाने और अपनी सामर्थ्य प्रगट करने की इच्छा से क्रोध के बरतनों की, जो विनाश के लिये तैयार किए गए थे, बड़े धीरज से सही;


जब लोग कहते होंगे, “कुशल है, और कुछ भय नहीं,” तो उन पर एकाएक विनाश आ पड़ेगा, जिस प्रकार गर्भवती पर पीड़ा; और वे किसी रीति से न बचेंगे।


वे प्रभु के सामने से और उसकी शक्‍ति के तेज से दूर होकर अनन्त विनाश का दण्ड पाएँगे।


जिस प्रकार उन लोगों में झूठे भविष्यद्वक्‍ता थे, उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेशक होंगे, जो नाश करनेवाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप छिपकर करेंगे, और उस स्वामी का जिसने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेंगे, और अपने आप को शीघ्र विनाश में डाल देंगे।


जिस रीति से सदोम और अमोरा और उनके आसपास के नगर, जो इन के समान व्यभिचारी हो गए थे और पराये शरीर के पीछे लग गए थे, आग के अनन्त दण्ड में पड़कर दृष्‍टान्त ठहरे हैं।


तब किसी स्त्री ने चक्‍की के ऊपर का पाट अबीमेलेक के सिर पर डाल दिया, और उसकी खोपड़ी फट गई।


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