Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




अय्यूब 23:13 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उससे फिरा सकता है? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

13 “किन्तु परमेश्वर कभी नहीं बदलता। कोई भी व्यक्ति उसके विरुद्ध खड़ा नहीं रह सकता है। परमेश्वर जो भी चाहता है, करता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

13 परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उस से फिरा सकता है? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 किन्‍तु वह अपनी बात का पक्‍का है, उसे कौन मोड़ सकता है? वह अपनी इच्‍छा के अनुसार कार्य करता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

13 “वह तो अप्रतिम है, उनका, कौन हो सकता है विरोधी? वह वही करते हैं, जो उन्हें सर्वोपयुक्त लगता है.

अध्याय देखें प्रतिलिपि

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

13 परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उससे फिरा सकता है? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि




अय्यूब 23:13
21 क्रॉस रेफरेंस  

तौभी तू ने ऐसी बातों को अपने मन में छिपा रखा; मैं जान गया कि तू ने ऐसा ही करने की ठान ली थी।


तुझे तो मालूम ही है कि मैं दुष्‍ट नहीं हूँ, और तेरे हाथ से कोई छुड़ानेवाला नहीं!


यदि परमेश्‍वर बीच से गुजरे, बन्दी बना ले, और अदालत में बुलाए, तो कौन उसको रोक सकता है।


देखो, जिसको वह ढा दे, वह फिर बनाया नहीं जाता; जिस मनुष्य को वह बन्द करे, वह फिर खोला नहीं जाता।


उसकी आज्ञा का पालन करने से मैं न हटा, और मैं ने उसके वचन अपनी इच्छा से कहीं अधिक काम के जानकर सुरक्षित रखे।


जो कुछ मेरे लिये उसने ठान लिया है, उसी को वह पूरा करता है; और उसके मन में ऐसी ऐसी बहुत सी बातें हैं।


जब वह चुप रहता है तो उसे कौन दोषी ठहरा सकता है? जब वह मुँह फेर ले, तब कौन उसका दर्शन पा सकता है? जाति भर के साथ और अकेले मनुष्य, दोनों के साथ उसका बराबर का व्यवहार है


हमारा परमेश्‍वर तो स्वर्ग में है; उसने जो चाहा वही किया है।


जो कुछ यहोवा ने चाहा उसे उसने आकाश और पृथ्वी और समुद्र और सब गहिरे स्थानों में किया है।


मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएँ होती हैं, परन्तु जो युक्‍ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।


जो टेढ़ा है वह सीधा नहीं हो सकता, और जो है ही नहीं, वह गिना नहीं जा सकता।


मैं जानता हूँ कि जो कुछ परमेश्‍वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उसमें कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमेश्‍वर ऐसा इसलिये करता है कि लोग उसका भय मानें।


मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूँ जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूँ, ‘मेरी युक्‍ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूँगा।’


मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात् दूर देश से अपनी युक्‍ति के पूरा करनेवाले पुरुष को बुलाता हूँ। मैं ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी करूँगा; मैं ने यह विचार बाँधा है और उसे सफल भी करूँगा।


पृथ्वी के सब रहनेवाले उसके सामने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहनेवालों के बीच अपनी ही इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोककर उस से नहीं कह सकता है, “तू ने यह क्या किया है?”


अत: तू मुझ से कहेगा, “वह फिर क्यों दोष लगाता है? कौन उसकी इच्छा का सामना करता है?”


क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिसमें न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, और न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों