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2 शमूएल 17:14 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 तब अबशालोम और सब इस्राएली पुरुषों ने कहा, “एरेकी हूशै की सम्मति अहीतोपेल की सम्मति से उत्तम है।” यहोवा ने तो अहीतोपेल की अच्छी सम्मति को निष्फल करने की ठान ली थी, कि वह अबशालोम ही पर विपत्ति डाले।

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पवित्र बाइबल

14 अबशालोम और इस्राएलियों ने कहा, “एरेकी हूशै की सलाह अहीतोपेल की सलाह से अच्छी है।” उन्होंने ऐसा कहा क्योंकि यह यहोवा की योजना थी। यहोवा नें अहीतोपेल की सलाह की व्यर्थ करने को योजना बनाई थी। इस प्रकार यहोवा अबशालोम को डण्ड दे सकता था।

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Hindi Holy Bible

14 तब अबशालोम और सब इस्राएली पुरुषों ने कहा, एरेकी हूशै की सम्मति अहीतोपेल की सम्मति से उम्तम है। यहोवा ने तो अहीतोपेल की अच्छी सम्मति को निष्फल करने के लिये ठाना था, कि यह अबशालोम ही पर विपत्ति डाले।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 अबशालोम तथा सब इस्राएली सैनिकों ने कहा, ‘अर्की हूशय की सलाह अहीतोफल की सलाह से उत्तम है।’ प्रभु ने यह निश्‍चय किया था कि वह अहीतोफल की अच्‍छी सलाह को निष्‍फल कर देगा जिससे अबशालोम पर ही विपत्ति आए।

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सरल हिन्दी बाइबल

14 तब अबशालोम और इस्राएल के सभी पुरनिए यह कह उठे, “अर्की हुशाई का परामर्श अहीतोफ़ेल के परामर्श से श्रेष्ठतर है.” यह इसलिये कि याहवेह ने ही अहीतोफ़ेल के सुसंगत परामर्श को विफल कर देना निर्धारित कर रखा था, कि याहवेह अबशालोम पर विनाश वृष्टि कर दें.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

14 तब अबशालोम और सब इस्राएली पुरुषों ने कहा, “एरेकी हूशै की सम्मति अहीतोपेल की सम्मति से उत्तम है।” यहोवा ने तो अहीतोपेल की अच्छी सम्मति को निष्फल करने की ठानी थी, कि वह अबशालोम ही पर विपत्ति डाले।

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2 शमूएल 17:14
25 क्रॉस रेफरेंस  

परन्तु यदि तू नगर को लौटकर अबशालोम से कहने लगे, ‘हे राजा, मैं तेरा कर्मचारी हूँगा; जैसा मैं बहुत दिन तेरे पिता का कर्मचारी रहा, वैसे ही अब तेरा रहूँगा,’ तो तू मेरे हित के लिये अहीतोपेल की सम्मति को निष्फल कर सकेगा।


तुम युक्‍ति करो तो करो, परन्तु वह निष्फल हो जाएगी, तुम कुछ भी कहो, परन्तु तुम्हारा कहा हुआ ठहरेगा नहीं, क्योंकि परमेश्‍वर हमारे संग है।


यहोवा के विरुद्ध न तो कुछ बुद्धि, और न कुछ समझ, न कोई युक्‍ति चलती है।


मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएँ होती हैं, परन्तु जो युक्‍ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।


तब दाऊद को यह समाचार मिला, “अबशालोम के संगी राजद्रोहियों के साथ अहीतोपेल है।” दाऊद ने कहा, “हे यहोवा, अहीतोपेल की सम्मति को मूर्खता बना दे।”


क्योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्‍वर के निकट मूर्खता है, जैसा लिखा है, “वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में फँसा देता है,”


“स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा कि उसने चतुराई से काम किया है। क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति–व्यवहारों में ज्योति के लोगों से अधिक चतुर हैं।


यदि यहोवा ने आज्ञा न दी हो, तब कौन है कि वचन कहे और वह पूरा हो जाए?


उन दिनों जो सम्मति अहीतोपेल देता था, वह ऐसी होती थी कि मानो कोई परमेश्‍वर का वचन पूछ लेता हो। अहीतोपेल चाहे दाऊद को चाहे अबशालोम को, जो जो सम्मति देता वह ऐसी ही होती थी।


उसने कहा, “तेरा नाम अब याक़ूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्‍वर से और मनुष्यों से भी युद्ध करके प्रबल हुआ है।”


चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएँ, परन्तु वहाँ भी मैं उन्हें ढूँढ़–ढूँढ़कर पकड़ लूँगा, और चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्‍टि से ओट हों, वहाँ भी मैं सर्प को उन्हें डसने की आज्ञा दूँगा।


यहोवा ने अपने को प्रगट किया, उसने न्याय किया है; दुष्‍ट अपने किए हुए कामों में फँस जाता है। (हिग्गायोन, सेला)


परन्तु अमस्याह ने न माना। यह तो परमेश्‍वर की ओर से हुआ कि वह उन्हें उनके शत्रुओं के हाथ कर दे, क्योंकि वे एदोम के देवताओं की खोज में लग गए थे।


वह उससे कह ही रहा था कि उसने उससे पूछा, “क्या हम ने तुझे राजमन्त्री ठहरा दिया है? चुप रह! क्या तू मरना चाहता है?” तब वह नबी यह कहकर चुप हो गया, “मुझे मालूम है कि परमेश्‍वर ने तेरा नाश करना ठान लिया है, क्योंकि तू ने ऐसा किया है और मेरी सम्मति नहीं मानी।”


परन्तु हेशबोन के राजा सीहोन ने हम को अपने देश में से होकर चलने न दिया; क्योंकि तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने उसका चित्त कठोर और उसका मन हठीला कर दिया था, इसलिये कि उसको तुम्हारे हाथ में कर दे, जैसा कि आज प्रगट है।


परन्तु सचमुच मैं ने इसी कारण तुझे बनाए रखा है कि तुझे अपनी सामर्थ्य दिखाऊँ, और अपना नाम सारी पृथ्वी पर प्रसिद्ध करूँ।


परन्तु उसने उस सम्मति को जो बूढ़ों ने उसको दी थी छोड़ दिया और उन जवानों से सम्मति ली, जो उसके संग बड़े हुए थे और उसके सम्मुख उपस्थित रहा करते थे।


जब हमारे शत्रुओं ने सुना कि यह बात हम को मालूम हो गई है, और परमेश्‍वर ने उनकी युक्‍ति निष्फल की है, तब हम सब के सब शहरपनाह के पास अपने अपने काम पर लौट गए।


अन्य जातिवालों ने जो गड़हा खोदा था, उसी में वे आप गिर पड़े; जो जाल उन्होंने लगाया था, उस में उन्हीं का पाँव फँस गया।


क्योंकि यहोवा की जो मनसा थी, कि अपनी उस आज्ञा के अनुसार जो उसने मूसा को दी थी उन पर कुछ भी दया न करे, वरन् सत्यानाश कर डाले, इस कारण उसने उनके मन ऐसे कठोर कर दिए, कि उन्होंने इस्राएलियों का सामना करके उनसे युद्ध किया।


इस प्रकार राजा ने प्रजा की विनती न मानी; इसका कारण यह है कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के लिये परमेश्‍वर ने ऐसा ही ठहराया था।


वह मंत्रियों को लूटकर बँधुआई में ले जाता, और न्यायियों को मूर्ख बना देता है।


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