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1 शमूएल 20:32 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

32 योनातान ने अपने पिता शाऊल को उत्तर देकर उससे कहा, “वह क्यों मारा जाए? उसने क्या किया है?”

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पवित्र बाइबल

32 योनातान ने अपने पिता से पूछा, “दाऊद को क्यों मार डाला जाना चाहिये? उसने क्या अपराध किया है?”

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Hindi Holy Bible

32 योनातन ने अपने पिता शाऊल को उत्तर देकर उस से कहा, वह क्यों मारा जाए? उसने क्या किया है?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

32 योनातन ने अपने पिता शाऊल को उत्तर दिया, ‘उसको आप क्‍यों मारेंगे? उसने क्‍या किया है?’

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सरल हिन्दी बाइबल

32 योनातन ने अपने पिता शाऊल से प्रश्न किया, “क्यों है उसकी मृत्यु निश्चित? क्या किया है उसने ऐसा?”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

32 योनातान ने अपने पिता शाऊल को उत्तर देकर उससे कहा, “वह क्यों मारा जाए? उसने क्या किया है?”

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1 शमूएल 20:32
17 क्रॉस रेफरेंस  

हाकिम ने कहा, “क्यों, उसने क्या बुराई की है?” परन्तु वे और भी चिल्‍ला–चिल्‍लाकर कहने लगे, “वह क्रूस पर चढ़ाया जाए।”


उसने अपने प्राण पर खेलकर उस पलिश्ती को मार डाला, और यहोवा ने समस्त इस्राएलियों की बड़ी जय कराई। इसे देखकर तू आनन्दित हुआ था; और तू दाऊद को अकारण मारकर निर्दोष के खून का पापी क्यों बने?”


उसने तीसरी बार उनसे कहा, “क्यों, उसने कौन सी बुराई की है? मैं ने उसमें मृत्यु के दण्ड के योग्य कोई बात नहीं पाई। इसलिये मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।”


तब याक़ूब क्रोधित होकर लाबान से झगड़ने लगा, और कहा, “मेरा क्या अपराध है? मेरा क्या पाप है कि तू ने इतना क्रोधित होकर मेरा पीछा किया है?


“क्या हमारी व्यवस्था किसी व्यक्‍ति को, जब तक पहले उसकी सुनकर जान न ले कि वह क्या करता है, दोषी ठहराती है?”


मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देनेवाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?


जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है उस में यह एक दोष है कि सब लोगों की एक सी दशा होती है; और मनुष्यों के मनों में बुराई भरी हुई है, और जब तक वे जीवित रहते हैं उनके मन में बावलापन रहता है, और उसके बाद वे मरे हुओं में जा मिलते हैं।


अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों ही के हृदय में रहता है।


क्रोधी मनुष्य का मित्र न होना, और झट क्रोध करनेवाले के संग न चलना,


यदि वह यों कहे, ‘अच्छा!’ तब तो तेरे दास के लिये कुशल होगा; परन्तु यदि उसका क्रोध बहुत भड़क उठे, तो जान लेना कि उसने बुराई ठानी है।


तब शाऊल ने यह सोचकर कि “मैं ऐसा मारूँगा कि भाला दाऊद को बेधकर भीत में धँस जाए,” भाले को चलाया, परन्तु दाऊद उसके सामने से दोनों बार हट गया।


योनातान ने अपने पिता शाऊल से दाऊद की प्रशंसा करके उससे कहा, “हे राजा, अपने दास दाऊद का अपराधी न हो; क्योंकि उसने तेरे विरुद्ध कोई अपराध नहीं किया, वरन् उसके सब काम तेरे बहुत हित के हैं;


अहीमेलेक ने राजा को उत्तर देकर कहा, “तेरे समस्त कर्मचारियों में दाऊद के तुल्य विश्‍वासयोग्य कौन है? वह तो राजा का दामाद है, और तेरी राजसभा में उपस्थित हुआ करता, और तेरे परिवार में प्रतिष्‍ठित है।


फिर दाऊद रामा के नबायोत से भागा, और योनातान के पास जाकर कहने लगा, “मैं ने क्या किया है? मुझ से क्या पाप हुआ? मैं ने तेरे पिता की दृष्‍टि में ऐसा कौन सा अपराध किया है, कि वह मेरे प्राण की खोज में रहता है?”


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