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1 राजाओं 8:27 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

27 “क्या परमेश्‍वर सचमुच पृथ्वी पर वास करेगा, स्वर्ग में वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में कैसे समाएगा।

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पवित्र बाइबल

27 “किन्तु परमेस्वर, क्या तू सचमुच इस पृथ्वी पर हम लोगों के साथ रहेगा तुझको सारा आकाश और स्वर्ग के उच्चतम स्थान भी धारण नहीं कर सकते। निश्चय ही यह मन्दिर भी, जिसे मैंने बनाया है, तुझको धारण नहीं कर सकता।

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Hindi Holy Bible

27 क्या परमेश्वर सचमुच पृथ्वी पर वास करेगा, स्वर्ग में वरन सब से ऊंचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में क्योंकर समाएगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

27 ‘हे परमेश्‍वर, क्‍या तू पृथ्‍वी पर रह सकता है? देख, ऊंचे से ऊंचा आकाश भी तुझे नहीं समा सकता। तब तू मेरे इस भवन में, जिसको मैंने बनाया है, कैसे समाएगा?

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सरल हिन्दी बाइबल

27 “मगर क्या वास्तव में परमेश्वर पृथ्वी पर रहेंगे? स्वर्ग, हां, सबसे ऊंचा स्वर्ग भी आपको समाकर नहीं रख सकता, तो भला मेरे द्वारा बनाए गए भवन में यह कैसे संभव हो सकता है!

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

27 “क्या परमेश्वर सचमुच पृथ्वी पर वास करेगा, स्वर्ग में वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में कैसे समाएगा। (प्रेरि. 17:24)

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1 राजाओं 8:27
16 क्रॉस रेफरेंस  

जो भवन मैं बनाने पर हूँ, वह महान् होगा; क्योंकि हमारा परमेश्‍वर सब देवताओं में महान् है।


परन्तु किस में इतनी शक्‍ति है कि उसके लिये भवन बनाए, वह तो स्वर्ग में वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग में भी नहीं समाता? मैं क्या हूँ कि उसके सामने धूप जलाने को छोड़ और किसी विचार से उसका भवन बनाऊँ?


“परन्तु क्या परमेश्‍वर सचमुच मनुष्यों के संग पृथ्वी पर वास करेगा? स्वर्ग में वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में तू कैसे समाएगा?


यहोवा सारी जातियों के ऊपर महान् है, और उसकी महिमा आकाश से भी ऊँची है।


हे सबसे ऊँचे आकाश, और हे आकाश के ऊपरवाले जल, तुम दोनों उसकी स्तुति करो!


जो सबसे ऊँचे सनातन स्वर्ग में सवार होकर चलता है; देखो वह अपनी वाणी सुनाता है, वह गम्भीर वाणी शक्‍तिशाली है।


यहोवा यों कहता है : “आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?


फिर यहोवा की यह वाणी है : क्या कोई ऐसे गुप्‍त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूँ? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझ से परिपूर्ण नहीं हैं?


और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।


जिस परमेश्‍वर ने पृथ्वी और उसकी सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी होकर, हाथ के बनाए हुए मन्दिरों में नहीं रहता;


मैं मसीह में एक मनुष्य को जानता हूँ; चौदह वर्ष हुए कि न जाने देहसहित, न जाने देहरहित, परमेश्‍वर जानता है; ऐसा मनुष्य तीसरे स्वर्ग तक उठा लिया गया।


और मूर्तियों के साथ परमेश्‍वर के मन्दिर का क्या सम्बन्ध? क्योंकि हम तो जीवते परमेश्‍वर के मन्दिर हैं; जैसा परमेश्‍वर ने कहा है, “मैं उनमें बसूँगा और उनमें चला फिरा करूँगा; और मैं उनका परमेश्‍वर हूँगा, और वे मेरे लोग होंगे।”


सुन, स्वर्ग और सबसे ऊँचा स्वर्ग भी, और पृथ्वी और उसमें जो कुछ है, वह सब तेरे परमेश्‍वर यहोवा ही का है;


देखो, पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है कि हम परमेश्‍वर की सन्तान कहलाएँ; और हम हैं भी। इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना।


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