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1 तीमुथियुस 1:15 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिनमें सबसे बड़ा मैं हूँ।

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पवित्र बाइबल

15 यह कथन सत्य है और हर किसी के स्वीकार करने योग्य है कि यीशु मसीह इस संसार में पापियों का उद्धार करने के लिए आया है। फिर मैं तो सब से बड़ा पापी हूँ।

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Hindi Holy Bible

15 यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 यह कथन विश्‍वसनीय और सर्वथा मानने योग्‍य है कि येशु मसीह पापियों को बचाने के लिए संसार में आये, और उन में से सबसे बड़ा पापी मैं हूँ।

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नवीन हिंदी बाइबल

15 यह बात सच और हर प्रकार से ग्रहणयोग्य है कि मसीह यीशु जगत में पापियों का उद्धार करने आया, जिनमें सब से बड़ा मैं हूँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 यह बात सच है, जो हर प्रकार से मानने योग्य है: मसीह येशु पापियों के उद्धार के लिए संसार में आए. इनमें सबसे बड़ा पापी मैं हूं.

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1 तीमुथियुस 1:15
41 क्रॉस रेफरेंस  

यीशु ने यह सुनकर उनसे कहा, “भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्तु बीमारों को है : मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ।”


क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूँढ़ने और उनका उद्धार करने आया है।”


यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ।


परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्‍वर की सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्‍वास रखते हैं।


मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ।”


तुम जानते हो कि वह इसलिये प्रगट हुआ कि पापों को हर ले जाए; और उसके स्वभाव में पाप नहीं।


मैं तो पहले निन्दा करनेवाला, और सतानेवाला, और अन्धेर करनेवाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्‍वास की दशा में बिन समझे बूझे ये काम किये थे।


जैसे कि मनुष्य का पुत्र; वह इसलिये नहीं आया कि उसकी सेवा टहल की जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपने प्राण दे।”


क्योंकि मैं प्रेरितों में सबसे छोटा हूँ, वरन् प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैं ने परमेश्‍वर की कलीसिया को सताया था।


दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, “देखो, यह परमेश्‍वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है।


इसलिये तुम जाकर इसका अर्थ सीख लो : ‘मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूँ।’ क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ।”


वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।”


इसी लिये जो उसके द्वारा परमेश्‍वर के पास आते हैं, वह उनका पूरा पूरा उद्धार कर सकता है, क्योंकि वह उनके लिये विनती करने को सर्वदा जीवित है।


यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है।


क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्‍तिहीनों के लिये मरा।


जो कोई पाप करता है वह शैतान की ओर से है, क्योंकि शैतान आरम्भ ही से पाप करता आया है। परमेश्‍वर का पुत्र इसलिये प्रगट हुआ कि शैतान के कामों का नाश करे।


यह बात सत्य है कि जो अध्यक्ष होना चाहता है, वह भले काम की इच्छा करता है।


मुझ पर जो सब पवित्र लोगों में से छोटे से भी छोटा हूँ, यह अनुग्रह हुआ कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊँ,


फिर उसने मुझ से कहा, “ये बातें विश्‍वास के योग्य और सत्य हैं। प्रभु ने, जो भविष्यद्वक्‍ताओं की आत्माओं का परमेश्‍वर है, अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा कि अपने दासों को वे बातें, जिनका शीघ्र पूरा होना अवश्य है, दिखाए।”


वे यह नया गीत गाने लगे, “तू इस पुस्तक के लेने, और इसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से हर एक कुल और भाषा और लोग और जाति में से परमेश्‍वर के लिये लोगों को मोल लिया है,


यह बात सच है, और मैं चाहता हूँ कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्होंने परमेश्‍वर पर विश्‍वास किया है, वे भले–भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें। ये बातें भली और मनुष्यों के लाभ की हैं।


यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं, तो उसके साथ जीएँगे भी;


परमेश्‍वर ने अपने सेवक को उठाकर पहले तुम्हारे पास भेजा, कि तुम में से हर एक को उसकी बुराइयों से फेरकर आशीष दे।”


जो पुत्र पर विश्‍वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्‍वर का क्रोध उस पर रहता है।”


जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, “देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूँ।” फिर उसने कहा, “लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्‍वास के योग्य और सत्य हैं।”


और वह गवाही यह है कि परमेश्‍वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है, और यह जीवन उसके पुत्र में है।


और विश्‍वास और उस अच्छे विवेक को थामे रह, जिसे दूर करने के कारण कितनों का विश्‍वास रूपी जहाज डूब गया।


“देखो, तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ न जानना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके दूत मेरे स्वर्गीय पिता का मुँह सदा देखते हैं।


यह सुनकर वे चुप रहे, और परमेश्‍वर की बड़ाई करके कहने लगे, “तब तो परमेश्‍वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिये मन फिराव का दान दिया है।”


फिर प्रेरितों और भाइयों ने जो यहूदिया में थे सुना कि अन्यजातियों ने भी परमेश्‍वर का वचन मान लिया है।


जिससे तू स्मरण करके लज्जित हो, और लज्जा के मारे फिर कभी मुँह न खोले। यह उस समय होगा, जब मैं तेरे सब कामों को ढाँपूँगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।”


इसलिये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूल और राख में पश्‍चाताप करता हूँ।”


पर फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ाकर कहने लगे, “यह तो पापियों से मिलता है और उनके साथ खाता भी है।”


ताकि किसी रीति से मैं अपने कुटुम्बियों में जलन उत्पन्न करवाकर उनमें से कई एक का उद्धार कराऊँ।


मैं तुझे परमेश्‍वर को, जो सब को जीवित रखता है, और मसीह यीशु को गवाह करके जिसने पुन्तियुस पिलातुस के सामने अच्छा अंगीकार किया, यह आज्ञा देता हूँ


[क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने आया है।]


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