सीरिया के राष्ट्रीय देवताओं ने उसको पराजित किया था, अत: वह दमिश्क की वेदियों पर उनको बलि चढ़ाने लगा। वह यह सोचता था, ‘सीरिया के राजाओं के देवताओं ने युद्ध में उनकी सहायता की थी; अब यदि मैं उनको बलि चढ़ाऊंगा तो वे मेरी भी सहायता करेंगे।’ किन्तु सीरिया के ये देवता आहाज और समस्त इस्राएलियों के विनाश का कारण बन गए।
उनका मुख उनके विरुद्ध साक्षी दे रहा है! वे सदोम नगर-राज्य के समान अपने पाप की घोषणा करते हैं, वे उसको छिपाते नहीं! धिक्कार है उन्हें! उन्होंने स्वयं ही विपत्ति मोल ली है।
तेरा दुष्कर्म ही तुझे ताड़ना देगा और तेरा ईश-त्याग ही तुझे दंडित करेगा। ओ इस्राएल, तू यह बात जान, और स्वयं अपनी आंखों से देख, कि अपने प्रभु परमेश्वर को त्यागना तेरे लिए कितना अनिष्टकारी और कटु है। तेरे हृदय में मेरे लिए कोई भय नहीं है,’ स्वर्गिक सेनाओं के स्वामी प्रभु की यह वाणी है।
जब तुम मिस्र देश में थे तब से मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर हूं। तुम मेरे अतिरिक्त किसी को ईश्वर नहीं मानते। मेरे अतिरिक्त तुम्हें बचानेवला कोई नहीं है।
वे हृदय से मेरी दुहाई नहीं देते; वे शय्या पर पड़े-पड़े हाय-हाय करते हैं। वे अन्न और अंगूर की फसल के लिए विधर्मियों के समान अपने शरीर को घायल करते हैं; और यों मुझसे विद्रोह करते हैं।
परन्तु तुम अपने इस विचार से कि प्रभु की मेज पवित्र नहीं है, उसे अपवित्र कर देते हो। अत: जो भोजन स्वयं तुम्हारी दृष्टि में तुच्छ है, वह तुम मेरी मेज पर चढ़ाते हो।’
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु कहता है: ‘ओ पुरोहितो! तुम यह भी कहते हो, “यह सब उबानेवाला काम है।” तुम घृणा से मुझ पर नाक-भौं सिकोड़ते हो। बल-प्रयोग से लूटी-छीनी गई वस्तु, लंगड़ा-रोगी पशु तुम मन्दिर में लाते हो−मुझे चढ़ाने के लिए। क्या यह मैं तुम्हारे हाथ से ग्रहण करूंगा? कदापि नहीं!’ प्रभु ने यह कहा है।
ओ पुरोहितो, अब परमेश्वर को प्रसन्न करने का प्रयत्न करो, जिससे वह हम पर कृपा करे। क्या वह तुम्हारे हाथ से अशुद्ध भेंट ग्रहण कर तुम पर कृपा कर सकता है? कदापि नहीं! स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है,
ओ इस्राएल, तू धन्य है! तेरे सदृश और कौन जाति है, जिसका प्रभु ने उद्धार किया है? वह तेरी सहायता के लिए ढाल, और विजय-प्राप्ति के हेतु तलवार है! तेरे शत्रु तेरी ठकुर-सुहाती करेंगे, पर तू उनके पहाड़ी शिखर के पूजा-स्थलों को रौंद देगा।’