तत्पश्चात् स्त्री नगर निवासियों के पास गई। उसने बुद्धिमत्तापूर्वक उन्हें समझाया। अत: उन्होंने बिकरी के पुत्र शेबा का सिर काट लिया, और उसको परकोटा से योआब के पास फेंक दिया। योआब ने नरसिंगा फूँका और सैनिकों ने नगर की घेराबन्दी उठा ली। वे अपने-अपने घर को लौट गए। योआब राजा दाऊद के पास यरूशलेम को लौट गया।
मैंने अपने निस्सार जीवन में यह देखा है: धार्मिक मनुष्य अपनी धार्मिकता में मरता है, किन्तु दुर्जन व्यक्ति दुष्कर्म करते हुए दीर्घायु प्राप्त करता है।
जब मैंने बुद्धि प्राप्त करने के लिए, तथा पृथ्वी पर होने वाले कार्य-व्यापार को समझने के लिए मन लगाया, और जब मैंने यह जानने का प्रयत्न किया कि कैसे मनुष्य रात-दिन जागते रहते हैं,
मैंने पुन: अनुभव किया कि सूर्य के नीचे इस धरती पर तेज दौड़ने वाला धावक नहीं जीतता, और न बलवान योद्धा लड़ाई जीतता है। बुद्धिमान मनुष्य को भोजन नहीं मिलता, और न समझदारों को धन-सम्पत्ति। विद्वानों पर कोई कृपा नहीं करता। ये सब समय और संयोग के वश में हैं।
मनुष्य अपना समय नहीं जानता। जैसे मछली कुटिल जाल में फंस जाती है, जैसे पक्षी फंदे में फंस जाते हैं, वैसे ही मनुष्य समय-जाल में फंस जाते हैं। यह जाल अचानक उन पर पड़ता है।
एक छोटा-सा नगर था। उसमें गिने-चुने लोग रहते थे। एक दिन उस पर किसी बड़े राजा ने आक्रमण कर दिया, और उसको घेर लिया। उसके चारों ओर बड़ी मोर्चाबन्दी कर दी।
तब दानिएल ने राजा के अंगरक्षकों के नायक अर्योक से सोच-समझकर, बुद्धिमानी से बातें कीं। अर्योक बेबीलोन देश के समस्त दरबारी विद्वानों का वध करने निकला था।