इनके अतिरिक्त मुझे राजकीय वन के अधीक्षक आसाफ के नाम भी एक पत्र दिया जाए। इसमें मेरे लिए इमारती लकड़ी की व्यवस्था करने का आदेश लिखा हो, जिससे मैं यरूशलेम में मंदिर के निकटवर्ती गढ़ के प्रवेश-द्वार, शहरपनाह और अपने रहने के लिए मकान बनवा सकूँ।’ सम्राट ने मेरे निवेदन को स्वीकार कर लिया; क्योंकि परमेश्वर की कृपा-दृष्टि मुझ पर थी।
‘ओ उत्तरी पवन, जाग, ओ दक्षिणी पवन, आ। मेरे उद्यान में बहो, जिससे उसकी सुगन्ध दूर-दूर तक फैल जाए। तब मेरा प्रियतम, अपने उद्यान में आए, और उसके मधुर फल खाए।’
‘ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन! मैं अपने उद्यान में आया हूं। मैंने अपना गन्धरस और बलसान चुन लिया। मैंने मधु छत्ते से टपकता मधु खाया। मैंने दूध के साथ अंगूर-रस पिया।’ ओ प्रेमियो, छककर पियो।’
जब यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह और उसके सैनिकों ने देखा, तब वे भागे। वे रातों-रात राज-उद्यान के मार्ग से नगर के दोनों दीवारों के मध्य के दरवाजे से निकले, और अराबाह घाटी की ओर बढ़े।