Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




सभोपदेशक 1:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

8 सब बातें थकानेवाली हैं, मनुष्‍य उनका वर्णन नहीं कर सकता। आंखें देखकर भी तृप्‍त नहीं होतीं, और न कान सुनकर ही संतुष्‍ट होते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

8 शब्द वस्तुओं का पूरा—पूरा वर्णन नहीं कर सकते। लेकिन लोग अपने विचार को व्यक्त नहीं कर पाते, सदा बोलते ही रहते हैं। शब्द हमारे कानों में बार—बार पड़ते हैं किन्तु उनसे हमारे कान कभी भी भरते नहीं हैं। हमारी आँखें भी, जो कुछ वे देखती हैं, उससे कभी अघाती नहीं हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

8 सब बातें परिश्रम से भरी हैं; मनुष्य इसका वर्णन नहीं कर सकता; न तो आंखें देखने से तृप्त होती हैं, और न कान सुनने से भरते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

8 सब बातें परिश्रम से भरी हैं; मनुष्य इसका वर्णन नहीं कर सकता; न तो आँखें देखने से तृप्‍त होती हैं, और न कान सुनने से भरते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

8 सब बातें थकानेवाली हैं; मनुष्य इसका वर्णन नहीं कर सकता। न तो आँखें कभी देखने से और न कान कभी सुनने से तृप्‍त होते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

8 इतना थकाने वाला है सभी कुछ, कि मनुष्य के लिए इसका वर्णन संभव नहीं. आंखें देखने से तृप्‍त नहीं होतीं, और न कान सुनने से संतुष्ट.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




सभोपदेशक 1:8
16 क्रॉस रेफरेंस  

मेरा प्राण भव्‍य भोज के भोजन से तृप्‍त हुआ है; मैं आनन्‍दपूर्ण ओंठों से तेरी प्रशंसा करूंगा।


जैसे अधोलोक और पाताल मनुष्‍यों के शवों से कभी तृप्‍त नहीं होते, वैसे ही मनुष्‍य की इच्‍छाएँ कभी तृप्‍त नहीं होतीं।


सब सरिताएँ सागर में मिलती हैं, पर सागर भरता नहीं। नदियाँ अपने उद्गम-स्‍थल से फिरकर फिर बहती हैं।


तब मैंने अपने कामों पर विचार किया, मैंने उस परिश्रम पर भी सोचा जो मैंने उन कामों पर किया था। मुझे अनुभव हुआ कि यह सब निस्‍सार है− यह मानो हवा को पकड़ना है। इस सूर्य के नीचे धरती पर मनुष्‍य के काम और परिश्रम से कुछ लाभ नहीं।


जिस मनुष्‍य से परमेश्‍वर प्रसन्न होता है वह उसी को बुद्धि, ज्ञान और आनन्‍द प्रदान करता है। पापी मनुष्‍य से परमेश्‍वर कठोर परिश्रम कराता है। पापी मनुष्‍य परमेश्‍वर के प्रिय व्यक्‍ति के लिए धन एकत्र करता और उसको संचित करता है। अत: यह भी व्‍यर्थ है, यह मानो हवा को पकड़ना है।


यद्यपि मनुष्‍य अकेला है, उसका पुत्र नहीं, भाई नहीं, तथापि वह निरन्‍तर कमाता ही जाता है, उसके परिश्रम का कोई अन्‍त नहीं। उसकी आंखें धन-सम्‍पत्ति से तृप्‍त नहीं होतीं। वह अपने आपसे कभी पूछता नहीं, “मैं यह सब परिश्रम किसके लिए कर रहा हूं, और क्‍यों स्‍वयं को सुख-चैन से वंचित कर रहा हूं?” यह भी व्‍यर्थ है, और एक दु:खद कार्य-व्‍यापार है।


मनुष्‍य अपने पेट के लिए ही सब परिश्रम करता है, तो भी उसका पेट कभी नहीं भरता।


तुमने फसल अधिक पाने की आशा की थी, पर वह तुम्‍हें मिली थोड़ी। जब तुम फसल घर में लाए तब मैंने उसे फूंक दिया। क्‍यों? सुनो, मैं, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु तुमसे यह कह रहा हूं: मैंने अपने भवन के कारण यह किया है। मेरा भवन ध्‍वस्‍त पड़ा है, और तुम सब अपना-अपना घर बनाने में व्‍यस्‍त हो।


“हे सब थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगो! मेरे पास आओ। मैं तुम्‍हें विश्राम दूँगा।


धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्‍यासे हैं; क्‍योंकि वे तृप्‍त किये जाएँगे।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों