26 मैंने प्रभु से प्रार्थना की, “हे प्रभु, तू अपने निज लोगों को, अपनी निज सम्पत्ति को, नष्ट मत कर। उसको तूने अपने महान सामर्थ्य से मुक्त किया है। उसको तूने अपने भुजबल के द्वारा मिस्र देश से बाहर निकाला है।
26 मैंने यहोवा से प्रार्थना की। मैंने कहाः यहोवा मेरे स्वामी, अपने लोगों को नष्ट न कर। वे तेरे अपने हैं। तूने अपनी बडी शक्ति और दृढ़ता से उन्हें स्वतन्त्र किया और मिस्र से लाया।
26 और मैं ने यहोवा से यह प्रार्थना की, कि हे प्रभु यहोवा, अपना प्रजारूपी निज भाग, जिन को तू ने अपने महान् प्रताप से छुड़ा लिया है, और जिन को तू ने अपने बलवन्त हाथ से मिस्र से निकाल लिया है, उन्हें नष्ट न कर।
26 और मैं ने यहोवा से यह प्रार्थना की, ‘हे प्रभु यहोवा, अपना प्रजारूपी निज भाग, जिनको तू ने अपने महान् प्रताप से छुड़ा लिया है, और जिनको तू ने अपने बलवन्त हाथ से मिस्र से निकाल लिया है, उन्हें नष्ट न कर।
26 मैंने याहवेह से प्रार्थना की, “प्रभु याहवेह, अपनी ही प्रजा को नाश न कीजिए, ये तो आपकी ही मीरास हैं, जिन्हें आप ही ने अपनी महानता के द्वारा छुड़ाया है, जिन्हें आपने अपनी समर्थ भुजा के द्वारा मिस्र देश से निकाला है.
26 और मैंने यहोवा से यह प्रार्थना की, ‘हे प्रभु यहोवा, अपना प्रजारूपी निज भाग, जिनको तूने अपने महान प्रताप से छुड़ा लिया है, और जिनको तूने अपने बलवन्त हाथ से मिस्र से निकाल लिया है, उन्हें नष्ट न कर।
तेरे निज लोग, इस्राएली राष्ट्र के समान पृथ्वी पर और कौन राष्ट्र है? हे परमेश्वर, तू स्वयं उनको मुक्त करने के लिए गया था। तूने स्वयं एक नाम धारण किया था। तूने उनके हितार्थ महान् और आतंकपूर्ण कार्य किए थे। तूने अपने निज लोगों के सम्मुख से, जिन्हें तूने अपने लिए मिस्र देश से मुक्त किया था, अनेक राष्ट्रों और उनके देवताओं को भगाया था।
हे प्रभु परमेश्वर, तूने उन्हें अपनी निज सम्पत्ति बनाने के लिए पृथ्वी के सब राष्ट्रों में से अलग किया है। जब तूने हमारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर निकाला था तब तूने अपने सेवक मूसा के मुंह से यह बात कही थी।’
अत: प्रभु ने कहा कि वह उन्हें मार डालता, यदि प्रभु का मनोनीत मूसा उसके सम्मुख खड़ा न होता, और उसका कोप लौटा न देता; निस्सन्देह, प्रभु उन्हें नष्ट कर देता।
‘जिन लोगों को तूने मुक्त किया, उनका, अपनी प्रजा का, तूने करुणा से नेतृत्व किया। तूने अपनी शक्ति से उनका अपने पवित्र निवास स्थान तक मार्गदर्शन किया।
अब, इसलिए मैं तुझसे विनती करता हूँ : यदि मैंने तेरी कृपा-दृष्टि प्राप्त की है तो मुझे अपना मार्ग सिखा जिससे मैं तुझे जान सकूँ और तेरी कृपा-दृष्टि प्राप्त करूँ। देख, यह राष्ट्र तेरे ही लोग हैं।’
मूसा ने कहा, ‘हे स्वामी, यदि मैंने तेरी कृपा-दृष्टि प्राप्त की है, तो मैं विनती करता हूँ, स्वामी, यद्यपि वे ऐंठी-गरदन के लोग हैं, तो भी तू हमारे मध्य में होकर चल। हमारे अधर्म को, हमारे पाप को क्षमा कर और हमें अपनी निज सम्पत्ति बना।’
ओ आकाश, गीत गा, क्योंकि प्रभु ने कार्य सम्पन्न किया है। ओ पृथ्वी के अधोलोक, जयजयकार कर। ओ पर्वतो, जंगलो, और वन-वृक्षों, उच्चस्वर में गाओ। प्रभु ने याकूब को मुक्त किया है, इस्राएल में प्रभु की महिमा की जाएगी।
अपने दयामय नाम के हेतु हमें मत ठुकरा। अन्य कौमों में अपने महिमामय सिंहासन को अपमानित न होने दे। प्रभु, स्मरण कर कि तूने हमारे साथ विधान स्थापित किया है; अपना यह विधान मत तोड़!
तब प्रभु ने मुझ से कहा, ‘यदि मूसा और शमूएल भी मेरे सम्मुख खड़े हों, और यहूदा प्रदेश के लोगों के लिए दया की भीख मांगें, तो भी मेरा हृदय उनके प्रति नहीं पिघलेगा। उनको मेरी नजर से दूर करो, मेरी उपस्थिति से निकाल दो।
‘हे प्रभु, देख और ध्यान दे! तूने ऐसा व्यवहार किसके साथ किया है? भूख के कारण मांओं को अपने बच्चे खाने पड़े, जो उन्हें अपने प्राण से भी अधिक प्रिय थे! पुरोहित और नबी तुझ-स्वामी के पवित्र-स्थान में मार डाले गए।
मैंने तुम्हें मिस्र देश से बाहर निकाला। मैंने तुम्हें गुलामी के बन्धन से मुक्त किया। मैंने तुम्हारा नेतृत्व करने के लिए मूसा, हारून, और मिर्याम को भेजा।
किन्तु उस नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा को मृत्यु-दण्ड देना; क्योंकि उसने तुझे उस प्रभु परमेश्वर से विमुख करने वाले वचन कहे थे, जिसने तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला और तुझे दासत्व के घर से मुक्त किया है। उस नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा ने तुझे उस मार्ग से खींचा था, जिस पर चलने की आज्ञा तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे दी है। तू अपने मध्य से इस बुराई को अवश्य दूर करना।
हे प्रभु, अपने निज लोग, इस्राएल को, जिसे तूने मिस्र देश की गुलामी से मुक्त किया है, क्षमा कर। निर्दोष व्यक्ति के रक्त का दोष अपने निज लोग, इस्राएल पर मत लगा।” इस प्रकार हत्या का दोष उन्हें क्षमा कर दिया जाएगा।
नहीं, प्रभु तुझसे प्रेम करता है, इस कारण उसने तुझे चुना है। वह अपनी उस शपथ का पालन कर रहा है, जो उसने तेरे पूर्वजों से खायी थी। इसलिए प्रभु ने अपने भुजबल के द्वारा तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला था। उसने तुझे दासत्व के घर से, मिस्र देश के राजा फरओ के हाथ से मुक्त किया था।
तब प्रभु ने मुझसे कहा, “उठ और यहाँ से अविलम्ब नीचे जा; क्योंकि तेरे लोग, जिनको तू मिस्र देश से बाहर निकाल लाया है, भ्रष्ट हो गए हैं। वे उस मार्ग से शीघ्र ही भटक गए हैं, जिस पर चलने की आज्ञा मैंने उनको दी है। उन्होंने एक मूर्ति बनाई है।”
येशु ने हमारे लिए अपने को बलि चढ़ाया, जिससे वह हमें हर प्रकार की बुराई से मुक्त करें और हमें एक ऐसी प्रजा बनायें, जो शुद्ध हो, जो उनकी अपनी हो और जो भलाई करने के लिए उत्सुक हो।
उन्होंने बकरों तथा बछड़ों का नहीं, बल्कि अपना रक्त ले कर सदा के लिए एक ही बार पवित्र स्थान में प्रवेश किया और इस तरह मनुष्यों के लिए सदा-सर्वदा बना रहने वाला उद्धार प्राप्त किया है।
वे यह कहते हुए एक नया गीत गा रहे थे : “तू पुस्तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्य है, क्योंकि तू वध किया गया था। और तूने अपना रक्त बहा कर परमेश्वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, प्रजाति और राष्ट्र से मनुष्यों को ख़रीद लिया।
अत: शमूएल ने दूध पीता मेमना लिया, और उसको पूर्ण अग्नि-बलि के रूप में प्रभु को चढ़ाया। शमूएल ने इस्राएलियों के लिए प्रभु की दुहाई दी। प्रभु ने उसकी दुहाई का उत्तर दिया।