‘अब हे हमारे परमेश्वर, तू महान, शक्तिशाली और आतंकमय परमेश्वर, अपने विधान का पालन करनेवाला, और करुणा सागर है! जो महा संकट के बादल हम पर, हमारे राजाओं, शासकों, पुरोहितों, नबियों और पूर्वजों पर, तेरे समस्त निज लोगों पर असीरियाई राजाओं के समय से आज तक हम पर बरसते आए हैं, उन्हें अपनी दृष्टि में कम न जान!
मैंने कहा, ‘हे स्वर्ग के प्रभु परमेश्वर, महान और भक्तियोग्य परमेश्वर, तू उन भक्तों के लिए अपना विधान पूर्ण करता है, उन पर करुणा करता है, जो तुझसे प्रेम करते, और तेरी आज्ञाओं का पालन करते हैं।
क्योंकि तुम्हारा प्रभु परमेश्वर समस्त देवताओं का परमेश्वर है। वह समस्त स्वामियों का स्वामी है। वह महान, बलवान और आतंकमय परमेश्वर है। वह किसी का पक्षपात नहीं करता, और न किसी से घूस ही लेता है।
उसने आगे कहा, ‘तुम्हें आज ज्ञात होगा कि तुम्हारे मध्य जीवित परमेश्वर है, और वह तुम्हारे सामने से कनानी, हित्ती, हिव्वी, परिज्जी, गिर्गाशी, एमोरी और यबूसी जातियों को निश्चय ही खदेड़ देगा।
तब मैं उनको भयभीत देखकर उठा, और प्रतिष्ठित नागरिकों, अधिकारियों और अन्य लोगों से कहा, ‘अपने शत्रुओं से मत डरो। प्रभु को स्मरण रखो, वह महान और आतंकमय है, और तब अपने भाई-बन्धुओं, पुत्र-पुत्रियों, पत्नियों और घरों की रक्षा के लिए युद्ध करो।’
उसके हृदय के रहस्य प्रकट हो जायेंगे। वह मुँह के बल गिर कर परमेश्वर की आराधना करेगा और यह स्वीकार करेगा कि परमेश्वर सचमुच आप लोगों के बीच विद्यमान है।
असीरिया के राजा का सामर्थ्य मानवीय है, किन्तु हमारे साथ है स्वयं हमारा प्रभु परमेश्वर! वह हमारी सहायता करेगा; वह हमारी ओर से युद्ध करेगा!’ राजा हिजकियाह की ये बातें सुनकर लोगों में आत्मविश्वास जागा।
हाय! अब क्या होगा? कौन हमें इन महाबली देवताओं के हाथ से छुड़ा सकेगा? ये वे ही देवता हैं, जिन्होंने सब प्रकार की महामारियों और अपने वचनों से मिस्र निवासियों को नष्ट कर दिया था।
अत: नगर के धर्मवृद्ध उसके देवर को बुलाएंगे और उससे इस विषय पर बातचीत करेंगे। यदि वह उनके सम्मुख प्रस्तुत होकर यह कहेगा, “मुझे इसको स्वीकार करने की इच्छा नहीं है”
वे मूसा और हारून के विरोध में एकत्र हुए। उन्होंने उनसे कहा, ‘बहुत हो चुका! अब बस करो! समस्त मंडली, सब व्यक्ति पवित्र हैं। उनके मध्य प्रभु है। तब आप अपने को प्रभु की धर्मसभा से ऊपर क्यों समझते हैं?’
वे इस देश के निवासियों को बताएंगे। हे प्रभु! राष्ट्रों ने सुना है कि तू इन लोगों के मध्य में है; क्योंकि तूने, हे प्रभु, इन्हें प्रत्यक्ष दर्शन दिया है। तेरा मेघ इन के ऊपर छाया रहता है। तू दिन के समय मेघ-स्तम्भ में, और रात के समय अग्नि-स्तम्भ में इनके आगे-आगे जाता है।
किन्तु शर्त यह है कि तुम, प्रभु के विरुद्ध विद्रोह मत करो। तुम उस देश के लोगों से मत डरो; क्योंकि वे तो हमारे लिए मात्र रोटी सदृश हैं और हम उनको आसानी से निगल सकते हैं। उन पर से संरक्षण की छाया हट चुकी है और प्रभु हमारे साथ है। उन लोगों से मत डरो।’
मैंने प्रभु परमेश्वर से अपना पाप स्वीकार किया, और तब उससे इन शब्दों में प्रार्थना की : “हे स्वामी, तू महान और भययोग्य परमेश्वर है। जो लोग तुझसे प्रेम करते हैं, और तेरी आज्ञाओं का पालन करते हैं, उन पर तू करुणा करता है, और उनके साथ अपने विधान को पूरा करता है।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘उससे मत डर! मैंने उसको, उसकी सब प्रजा को तथा उसके देश को तेरे हाथ में सौंप दिया है। जैसा तूने एमोरियों के राजा सीहोन के साथ, जो हेश्बोन में रहता था, किया था, वैसे ही उसके साथ करना।’
देखो, तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने तुम्हारे सम्मुख यह देश प्रस्तुत किया है। जाओ, और अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर के वचन के अनुसार उस पर अधिकार कर लो। मत डरो, और न निराश हो।”
‘जब तू अपने शत्रुओं से युद्ध करने को जाएगा और घोड़े, रथ तथा अपनी सेना से बड़ी शत्रु-सेना देखेगा, तब तू उनसे मत डरना; क्योंकि मिस्र देश से तुझे निकालने वाला तेरा प्रभु परमेश्वर तेरे साथ है।
तब उस दिन मेरा क्रोध उनके विरुद्ध भड़क उठेगा। मैं उनको त्याग दूंगा, और उनसे विमुख हो जाऊंगा। उन पर विपत्तियों और कष्टों का पहाड़ टूट पड़ेगा, जिसके कारण वे उस दिन यह कहेंगे, “क्या यह सच नहीं है कि ये विपत्तियां हम पर इसलिए आ पड़ी हैं, कि हमारा परमेश्वर हमारे मध्य नहीं है?”
प्रभु ने यहोशुअ से कहा, ‘भयभीत मत हो! निराश मत हो! उठ! अपने साथ सब सैनिकों को ले और ऐ नगर पर आक्रमण कर। देख, मैंने ऐ नगर के राजा, उसकी प्रजा, उसके नगर और उसकी भूमि को तेरे अधिकार में सौंप दिया है।