‘तुम लोग जाओ, और मेरी ओर से तथा जनता की ओर से एवं समस्त यहूदा प्रदेश की ओर से इस धर्मपुस्तक के वचनों का अर्थ प्रभु से ज्ञात करो। प्रभु की महाक्रोधाग्नि हमारे प्रति भड़क उठी है; क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इस धर्म-पुस्तक के आदेशों का पालन नहीं किया। उन्होंने हमारे निमित्त लिखे गए प्रभु के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं किया।’
ऐसा न हो कि तू उस देश के निवासियों से सन्धि करे। ऐसा न हो कि जब वे अपने देवताओं का अनुगमन करें और यों वेश्या के सदृश व्यवहार करें, अपने देवताओं को बलि चढ़ाएँ और कोई तुझे निमन्त्रित करे तब तू उसकी बलि का मांस खाए।
निस्सन्देह, तूने इनके विषय में कभी सुना नहीं था, और न तुझे कुछ मालूम ही था। इससे पहले तेरे कान में यह बात पड़ी भी नहीं थी; क्योंकि मैं जानता था, कि तू निश्चय विश्वासघात करेगा। तू अपनी मां के गर्भ से ही विद्रोही कहलाता आया है।
अत: प्रभु का क्रोध अपने लोगों के विरुद्ध भड़क उठा। उसने उन पर हाथ उठाया, और उन पर प्रहार किया। पहाड़ हिल उठे। उनकी लाशें कूड़ा-कचरा-सी सड़कों पर बिछ गईं। इस विनाश के बाद भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ, और प्रहार के निमित्त उसका हाथ उठा रहा।
कोई भी मनुष्य तेरा नाम नहीं लेता, और न तेरा सहारा लेने के लिए स्वयं प्रयास करता है। हमारे अधर्म के कारण तूने हमसे अपना मुख छिपा लिया है; और हमें हमारे दुष्कर्मों के हाथ में सौंप दिया है।
यद्यपि इस नगर के निवासी कसदी सेना का मुकाबला करने के लिए आ रहे हैं, किन्तु मैं इनकी लोथों से इस नगर को पाट दूंगा। मैंने इस नगर के दुष्कर्मों के कारण इससे मुंह फेर लिया है। अत: मैं अपने क्रोध और रोष से इन लोगों को मार डालूंगा।
इस्राएल के पड़ोसी राष्ट्र भी यह जान लेंगे कि इस्राएल के वंशज अपने अधर्म के कारण अपने देश से निष्कासित हुए थे, और बन्दी होकर विदेश गए थे। उन्होंने अपने प्रभु परमेश्वर से विश्वासघात किया था। अत: उसने उनसे मुंह फेर लिया, और उनको उनके बैरियों के हाथ में सौंप दिया था। उनके बैरियों ने उनको तलवार से मौत के घाट उतारा था।
किन्तु इस्राएलियों ने शासकों की बात भी नहीं सुनी। उन्होंने अन्य जातियों के देवताओं का अनुसरण कर वेश्या के सदृश प्रभु के प्रति विश्वासघात किया। उन्होंने उन देवताओं की झुककर वंदना की। जिस मार्ग पर उनके पूर्वज चले थे, उससे वे शीघ्र ही भटक गए। जैसा उनके पूर्वजों ने प्रभु की आज्ञाओं का पालन किया था वैसा उन्होंने नहीं किया।