व्यवस्थाविवरण 28:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
13 प्रभु तुझ को उच्च आसन पर प्रतिष्ठित करेगा, निम्न स्थान पर नहीं। तू क्रमश: ऊंचा ही उठता जाएगा, और नीचे की ओर नहीं आएगा। किन्तु तुझे ये आशिषें तब प्राप्त होंगी जब तू अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाओं को सुनेगा, जिनका पालन करने, और जिनके अनुसार कार्य करने का आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ,
13 यहोवा तुम्हें सिर बनाएगा, पूँछ नहीं। तुम चोटी पर होगे, तलहटी पर नहीं। यह तब होगा जह तुम यहोवा अपने परमेश्वर के उन आदेशों पर ध्यान दोगे जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ।
13 और यहोवा तुझ को पूंछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे;
13 और यहोवा तुझ को पूँछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएँ जो मैं आज तुझ को सुनाता हूँ, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे;
13 याहवेह तुम्हें सबसे ऊंचा ही बनाए रखेंगे, पूंछ नहीं; तुम ऊंचाई पर ही रहोगे, अधीन कभी नहीं, यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, जो आज मैं तुम्हें सौंप रहा हूं; कि तुम सावधानीपूर्वक उनका पालन करते रहो,
13 और यहोवा तुझको पूँछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएँ जो मैं आज तुझको सुनाता हूँ, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे;
प्रभु ने कहा, ‘यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी ध्यानपूर्वक सुनोगे, जो कार्य मेरी दृष्टि में उचित है, उसे करोगे, मेरी आज्ञाओं पर कान दोगे और मेरी समस्त संविधियों का पालन करोगे, तो मैं तुम पर महामारियाँ नहीं डालूँगा, जो मैंने मिस्र-निवासियों पर डाली थीं, क्योंकि मैं प्रभु हूं−तुम्हें स्वस्थ करने वाला।’
प्रभु यों कहता है : ‘याकूब के स्वागत में उल्लासपूर्वक उच्च स्वर में गाओ। पहाड़ों के शिखरों से ऊंचे स्वर में जय-जयकार करो; प्रभु के इस कार्य के लिए यह घोषित करो; प्रभु की स्तुति करो, और यह कहो, “प्रभु ने इस्राएल के बचे हुए लोगों का, अपने निज लोगों का उद्धार किया।” ’
जैसे तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे वचन दिया है, वह तुझे आशिष देगा, और तू धन-सम्पन्न होकर अनेक जातियों-राष्ट्रों को ऋण देगा, पर स्वयं तू ऋण नहीं लेगा। तू अनेक राष्ट्रों पर राज्य करेगा, पर वे तुझ पर राज्य नहीं करेंगे।
जिन राष्ट्रों को उसने रचा है, उनके मध्य वह तुझे सर्वोच्च आसन पर प्रतिष्ठित करेगा जिससे उसकी स्तुति, प्रसिद्धि और सम्मान हो। जैसा प्रभु परमेश्वर ने कहा है उसके अनुसार तू उसकी पवित्र प्रजा बनेगा।’
‘परन्तु यदि तू अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी ध्यानपूर्वक सुनेगा, उन समस्त आज्ञाओं के अनुसार कार्य करने को तत्पर रहेगा, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, तो तेरा प्रभु परमेश्वर तुझ को पृथ्वी के समस्त राष्ट्रों के मध्य सर्वोच्च स्थान पर प्रतिष्ठित करेगा।
आप लोग एक बात का ध्यान रखें : आपका आचरण मसीह के शुभ समाचार के योग्य हो। इस तरह मैं चाहे आ कर आप से मिलूँ, चाहे दूर रह कर आप के विषय में सुनूँ, मुझे यही मालूम हो कि आप एक-प्राण हो कर विश्वास में अटल बने हुए हैं, एक-हृदय हो कर शुभसमाचार में विश्वास के लिए मेरे साथ प्रयत्नशील हैं