17 राजा को बहुत पत्नियाँ भी नहीं रखनी चाहिए। क्यों? क्योंकि यह काम उसे यहोवा से दूर हटायेगा और राजा को सोने, चाँदी से अपने को सम्पन्न नहीं बनाना चाहिए।
क्या तुम्हें याद नहीं है कि इस्राएल देश के राजा सुलेमान ने गैरयहूदी कौम की स्त्रियों के कारण पाप किया था? विश्व के अनेक राष्ट्रों में राजा सुलेमान जैसा राजा नहीं हुआ है। परमेश्वर भी उसको प्यार करता था, और उसको समस्त इस्राएल देश का राजा भी बनाया था। पर राजा सुलेमान को ऐसी ही विदेशी कौमों की स्त्रियों ने पाप में डाला था।
क्या प्रभु ने पति और पत्नी को एक हो जाने के लिए नहीं बनाया? तो क्या आत्मा इस में सम्मिलित नहीं है? और पति-पत्नी के एक होने का क्या उद्देश्य है? यही कि वे धर्मपरायण सन्तान उत्पन्न करें। अत: अपने प्रति सावधान रहो। कोई भी पति अपनी युवावस्था की पत्नी के प्रति विश्वासघात न करे।
इस वर्तमान संसार के धनवानों से अनुरोध करो कि वे घमण्ड न करें और नश्वर धन-सम्पत्ति पर नहीं, बल्कि परमेश्वर पर भरोसा रखें, जो हमारे उपभोग की सब वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में देता है।
तब येशु ने लोगों से कहा, “सावधान! हर प्रकार के लोभ से बचो; क्योंकि किसी के पास कितनी ही सम्पत्ति क्यों न हो, उस सम्पत्ति की प्रचुरता में उस का जीवन नहीं है।”
राजा सुलेमान के सब पेय-पात्र सोने के थे। लबानोन-वन के भवन के सब पात्र भी शुद्ध सोने के थे। वहां एक भी पात्र चांदी का नहीं था। सुलेमान के राज्यकाल में चांदी का कुछ भी मूल्य नहीं था।
प्रभु यों कहता है, “मैं तेरे ही परिवार से तेरे विरुद्ध बुराई उत्पन्न करूँगा। मैं तेरी आँखों के सामने तेरी पत्नियाँ तेरे जाति-भाई को दे दूँगा। वह सूरज के प्रकाश में खुले-आम तेरी पत्नियों के साथ सहवास करेगा।
राजा सुलेमान ने यरूशलेम नगर में चांदी को पत्थर के समान मूल्यहीन बना दिया। उसके पास देवदार की कीमती लकड़ी इतनी अधिक हो गई जितने शफेलाह प्रदेश में गूलर के वृक्ष हैं!
राजा सुलेमान ने यरूशलेम नगर में सोना-चांदी को पत्थर के समान मूल्यहीन बना दिया। उसके पास देवदार की कीमती लकड़ी इतनी अधिक हो गई जितने शफेलाह प्रदेश में गूलर के वृक्ष हैं!
रहबआम की अठारह रानियां और साठ रखेल थीं। उसके अट्ठाईस बेटे और साठ बेटियां थीं। किन्तु वह अपनी रानियों और रखेलों से अधिक माकाह से प्रेम करता था, जो अबशालोम की पुत्री थी।