व्यवस्थाविवरण 12:31 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
31 परन्तु तू अपने प्रभु परमेश्वर के लिए ऐसा कार्य मत करना; क्योंकि उन्होंने अपने देवताओं के लिए वे सब घृणित कार्य किए थे जिनसे प्रभु घृणा करता है। वे अपने देवताओं के लिए अपने पुत्र-पुत्रियों को भी अग्नि में जलाते हैं!
31 तुम यहोवा अपने परमेश्वर की वैसे उपासना नहीं करोगे जैसे वे अपने देवताओं की करते हैं। क्यों? क्योंकि वे अपनी पूजा में सब तरह की बुरी चीजें करते हैं जिनसे यहोवा घृणा करता है। वे अपने देवताओं की बलि के लिए अपने बच्चों को भी जला देते हैं।
31 तू अपने परमेश्वर यहोवा से ऐसा व्यवहार न करना; क्योंकि जितने प्रकार के कामों से यहोवा घृणा करता है और बैर-भाव रखता है, उन सभों को उन्होंने अपने देवताओं के लिये किया है, यहां तक कि अपने बेटे बेटियों को भी वे अपने देवताओं के लिये अग्नि में डालकर जला देते हैं॥
31 तू अपने परमेश्वर यहोवा से ऐसा व्यवहार न करना; क्योंकि जितने प्रकार के कामों से यहोवा घृणा करता है और बैर–भाव रखता है, उन सभों को उन्होंने अपने देवताओं के लिये किया है, यहाँ तक कि अपने बेटे बेटियों को भी वे अपने देवताओं के लिये अग्नि में डालकर जला देते हैं।
31 तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति यह बिलकुल न करोगे, क्योंकि उन्होंने तो अपने देवताओं के लिए वह सब किया है, जो याहवेह की दृष्टि में घृणित है. वे तो अपने पुत्र-पुत्रियों तक को उन देवताओं के लिए दाह कर देते हैं.
31 तू अपने परमेश्वर यहोवा से ऐसा व्यवहार न करना; क्योंकि जितने प्रकार के कामों से यहोवा घृणा करता है और बैर-भाव रखता है, उन सभी को उन्होंने अपने देवताओं के लिये किया है, यहाँ तक कि अपने बेटे-बेटियों को भी वे अपने देवताओं के लिये अग्नि में डालकर जला देते हैं।
उन्होंने मोलेक देवता को अपने पुत्र-पुत्रियां बलि चढ़ाने के लिए बेन-हिन्नोम की घाटी में पहाड़ी टीलों पर बअल देवता के लिए वेदियां बनायी हैं। क्या मैंने उन को यह घृणास्पद कार्य करने की आज्ञा दी थी? क्या ऐसा विचार मेरे मस्तिष्क में आ सकता है कि वे ऐसा घृणास्पद कार्य करें, और यहूदा प्रदेश की जनता को पाप-कर्म के लिए फुसलाएं?
अपने पुत्र-पुत्रियों को बलि चढ़ाने के लिए उन्होंने बेन-हिन्नोम की घाटी में तोपेत नामक वेदी बनायी है। वहां वे आग में अपने पुत्रों और पुत्रियों की आहुति देते हैं। इस बलि का मैंने कभी आदेश नहीं दिया था, और न कभी यह घृणित बात मेरे मन में आयी थी।
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, मनश्शे ने वही किया। जिन जातियों को प्रभु ने इस्राएलियों को बसाने के लिए कनान देश से निकाल दिया था, उनकी घृणित प्रथाओं को मनश्शे ने पुन: आरम्भ किया।
तू अपनी धार्मिकता अथवा अपने हृदय की निष्कपटता के कारण उनके देश पर अधिकार करने नहीं जा रहा है। किन्तु इन राष्ट्रों की दुष्टता के कारण तेरा प्रभु परमेश्वर उन्हें तेरे सम्मुख से निकाल रहा है, जिससे प्रभु अपने वचन को, जिसकी शपथ उसने तेरे पूर्वज अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी, पूरा करे।
जैसा वे मिस्र देश में, जहाँ तुमने निवास किया था, करते हैं वैसा तुम मत करना। जैसा वे कनान देश में करते हैं, जहाँ मैं तुम्हें ले जा रहा हूँ, वैसा तुम मत करना। तुम उनकी संविधियों पर मत चलना।
तू बुरा कार्य करने के लिए भीड़ का अनुसरण नहीं करना। तू न्याय को विकृत करने के उद्देश्य से भीड़ का अनुसरण मत करना और मुकद्दमे में झूठी साक्षी नहीं देना।
क्या प्रभु हजार मेढ़ों की बलि से, क्या वह तेल की लाखों नदियों की भेंट से प्रसन्न होगा? क्या मुझे अपने अपराध की क्षमा के लिए ज्येष्ठ पुत्र की बलि देना चाहिए? क्या मुझे अपने ही पाप के लिए अपने पौरुष के प्रथम फल को चढ़ाना चाहिए? कदापि नहीं!
यों मैं तेरी कामुकता और तेरे व्यभिचार-कर्म का अन्त कर दूंगा, जो तूने मिस्र निवासियों से सीखे थे, और वहां से उनको अपने साथ लाई थी। तब तू मिस्र-निवासियों की ओर नहीं देखेगी, और न फिर कभी उनका स्मरण करेगी।
जब तुम इन मूर्तियों के सामने उपहार-भेंट चढ़ाते हो, जब तुम अपने पुत्रों की अग्नि-बलि चढ़ाते हो, तब इस मूर्ति-पूजा के कारण तुम आज तक स्वयं को अशुद्ध करते हो। ऐसे घृणित काम करने के पश्चात् भी तुम आशा करते हो कि मैं तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर में तुम पर अपनी इच्छा प्रकट करूंगा? ओ इस्राएल के वंशजो, मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है, तुम मेरी इच्छा नहीं जान सकोगे।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
यहाँ तक कि प्रमुख पुरोहित और जनता के प्रतिष्ठित लोग भी विभिन्न जातियों की घृणित प्रथाओं को मानने लगे थे, और यों प्रभु के प्रति बहुत विश्वासघात करते थे। प्रभु परमेश्वर ने अपनी उपस्थिति से यरूशलेम में अपने भवन को पवित्र किया था, किन्तु उन्होंने उसको अपवित्र कर दिया।
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, मनश्शे ने वही किया। जिन जातियों को प्रभु ने इस्राएलियों को बसाने के लिए कनान देश से निकाल दिया था, उनकी घृणित प्रथाओं को मनश्शे ने पुन: आरम्भ किया।
‘तू इस्राएली समाज से यह कहना : यदि इस्राएली समाज का कोई व्यक्ति अथवा इस्राएलियों के मध्य में निवास करने वाला कोई प्रवासी अपनी सन्तान मोलेक देवता को देगा, तो उसे मृत्युदण्ड दिया जाएगा। उस देश के लोग उसे पत्थरों से मार डालेंगे।
‘जब तेरा प्रभु परमेश्वर उन्हें तेरे सम्मुख से निकाल देगा तब तू अपने हृदय में यह मत कहना, “मेरी धार्मिकता के कारण इस देश पर अधिकार करने के लिए प्रभु मुझे लाया है।” नहीं, इन राष्ट्रों की दुष्टता के कारण प्रभु इन्हें तेरे सामने से बाहर निकाल रहा है।
तब तू सावधान रहना। ऐसा न हो कि उनके नष्ट होने के पश्चात् तू जाल में फंस जाए और उनका अनुसरण करने लगे। ऐसा न हो कि उनके देवताओं के विषय में यह पूछताछ करने लगे, “ये जातियाँ अपने देवताओं की किस प्रकार आराधना करती थीं? मैं भी वैसी आराधना करूँगा।”
तब वे लोग अपनी उन घृणित-प्रथाओं को तुझे नहीं सिखा सकेंगे, जिनका पालन वे अपने देवताओं के लिए करते हैं, और तू अपने प्रभु परमेश्वर के प्रति पाप नहीं करेगा।
वह इस्राएल प्रदेश के राजाओं के मार्ग पर चला। जिन जातियों को प्रभु ने इस्राएली लोगों को बसाने के लिए कनान देश से निकाल दिया था, उनकी घृणित प्रथा के अनुसार आहाज ने अपने पुत्र को अग्नि में बलि के रूप में चढ़ाया।
तत्पश्चात् उसने युवराज को लिया, जो उसके स्थान पर राज्य करने वाला था, और नगर के परकोटे पर उसको अग्नि-बलि के रूप में चढ़ाया। तब इस्राएली सेना पर बड़ा प्रकोप हुआ। वे मोआब के राजा के पास से पीछे हट गए, और अपने देश को लौट गए।
अव्वी लोगों ने निब्हज और तरताक देवताओं की मूर्तियां प्रतिष्ठित कीं। सपरवइम नगर के देवता अद्र-मेलेक और अन-मेलेक थे। सपरवइमी लोग इन देवताओं के लिए अपने बच्चों को अग्नि में चढ़ाते थे।