21 वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है; और वही तेरा परमेश्वर है, जिसने तेरे साथ वे बड़े महत्व के और भयानक काम किए हैं, जिन्हें तू ने अपनी आंखों से देखा है।
21 वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है; और वही तेरा परमेश्वर है, जिसने तेरे साथ वे बड़े महत्व के और भयानक काम किए हैं जिन्हें तू ने अपनी आँखों से देखा है।
21 वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है; और वही तुम्हारा परमेश्वर है, जिसने तेरे साथ वे बड़े महत्त्व के और भयानक काम किए हैं, जिन्हें तूने अपनी आँखों से देखा है।
तेरे निज लोग, इस्राएली राष्ट्र के समान पृथ्वी पर और कौन राष्ट्र है? हे परमेश्वर, तू स्वयं उनको मुक्त करने के लिए गया था। तूने स्वयं एक नाम धारण किया था। तूने उनके हितार्थ महान् और आतंकपूर्ण कार्य किए थे। तूने अपने निज लोगों के सम्मुख से, जिन्हें तूने अपने लिए मिस्र देश से मुक्त किया था, अनेक राष्ट्रों और उनके देवताओं को भगाया था।
प्रभु ने अपने निज लोगों को शक्तिमान बनाया है; समस्त सन्तों के लिए इस्राएल की सन्तान के लिए, उस प्रजा के लिए जो प्रभु के निकट है, यह स्तुति का विषय है। प्रभु की स्तुति करो!
प्रभु मेरी शक्ति और मेरा सामर्थ्य है; वह मेरा उद्धार बना है; यही मेरा परमेश्वर है; मैं इसकी स्तुति करूँगा; यही मेरे पूर्वजों का परमेश्वर है, मैं इसका गुणगान करूँगा।
प्रभु ने कहा, ‘देख, मैं विधान स्थापित करता हूँ। मैं तेरे सब लोगों के सामने ऐसे आश्चर्यपूर्ण कर्म करूँगा, जो समस्त पृथ्वी पर, सारे राष्ट्रों में कभी नहीं किए गए। जिन लोगों के मध्य में तू है, वे सब प्रभु के कार्य को देखेंगे। वह आतंकमय कार्य है, जिसे मैं तेरे लिए करूँगा।
‘दिन में तुझे प्रकाश के लिए सूर्य की आवश्यकता न होगी; और न रात में चन्द्रमा की चांदनी की। किन्तु प्रभु तेरा शाश्वत प्रकाश होगा, तेरा परमेश्वर ही तेरा तेज होगा।