जो प्रभु ने निश्चय किया था, उसने उसको पूरा किया, उसने अपनी धमकी पूरी की। जैसा उसने बहुत पहले आदेश दिया था, उस वचन के अनुसार उसने कार्य किया। उसने निर्दयतापूर्वक नगर का विध्वन्स कर दिया। ओ यरूशलेम! उसने तेरे शत्रुओं को तुझ पर हंसने और आनन्द मनाने का अवसर प्रदान किया; तेरे बैरियों की शक्ति को बढ़ाया।
‘किन्तु यदि तुम मेरा वचन नहीं सुनोगे, और विश्राम दिवस को पवित्र नहीं रखोगे; यदि विश्राम दिवस पर किसी प्रकार का बोझ उठा कर यरूशलेम के प्रवेश-द्वारों से प्रवेश करोगे, तो मैं उन द्वारों में आग लगा दूंगा, और यह आग यरूशलेम के महलों को भस्म कर देगी, और कभी नहीं बुझेगी।’
आप लोग सावधान रहें। आप बोलने वाले की बात सुनना अस्वीकार नहीं करें। जिन लोगों ने पृथ्वी पर चेतावनी देने वाले की वाणी को अनसुना कर दिया था, यदि वे नहीं बच सके, तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम स्वर्ग से चेतावनी देनेवाले की वाणी अनसुनी कर देंगे?
यदि तुम मेरी यह बात नहीं सुनोगे, मेरे नाम की महिमा करने पर ध्यान नहीं दोगे, तो मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यह कहता हूं: मैं तुम पर शाप प्रेषित करूंगा। मैं तुम्हारे वरदानों को शापों में बदल दूंगा। निस्सन्देह मैंने उन्हें शाप में बदल दिया है, क्योंकि तुमने मेरे नाम की महिमा करने पर ध्यान नहीं दिया।
‘प्रभु सच्चा है; मैंने ही उसके वचन से विद्रोह किया है। ओ विश्व की सब कौमो! मेरी बात सुनो, मेरे दु:ख पर ध्यान दो। मेरे जवान बेटे और बेटियां बन्दी बनकर निर्वासित हो गए।
परन्तु जैसा प्रभु परमेश्वर के वचन के अनुसार तुम्हारे हितार्थ सब भले कार्य सम्पन्न हुए, वैसा ही तुम्हारे अनिष्ट के लिए भी बुरे कार्य पूर्ण होंगे। जो देश प्रभु परमेश्वर ने तुम्हें दिया है, जब तक तुम उस पर नष्ट नहीं हो जाओगे तब तक वह तुम पर विपत्तियां ढाहता रहेगा।
जब-जब वे युद्ध के लिए बाहर निकलते थे तब-तब प्रभु का हाथ उनका अनिष्ट करने के लिए उठ जाता था। ऐसा ही प्रभु ने कहा था। उसने उनसे यही शपथ खाई थी। वे बड़े संकट में पड़ गए।
‘परन्तु ओ इस्राएलियो, यदि तुम मेरा अनुसरण करना छोड़ दोगे, जो आज्ञाएं और संविधियां मैंने तुम्हारे सम्मुख रखी हैं, उनका पालन नहीं करोगे, और अन्य देशों के देवताओं का अनुसरण करोगे, उनकी सेवा करोगे, उनकी आराधना करोगे,
फिर भी उन्होंने मेरी आज्ञाओं का उल्लंघन किया, उनको अनसुना कर दिया। वे सब के सब हठपूर्वक अपने हृदय के अनुसार दुराचरण करते रहे। अत: विधान-उल्लंघन के सब परिणाम उन्हें भुगतने पड़े। मैंने उनसे कहा था कि वे मेरे विधान के अनुसार आचरण करें, परन्तु उन्होंने मेरी बात नहीं मानी।’
हनन्याह, प्राचीन काल से जो नबी मुझ से और तुम से पहले हुए हैं, उन्होंने अनेक देशों और राज्यों के विरुद्ध नबूवत की थी कि वे युद्ध, अकाल और महामारी से नष्ट हो जाएंगे।
मूसा की व्यवस्था में लिखित समस्त विपत्तियाँ हम पर पड़ीं, तो भी हमने अपने प्रभु परमेश्वर की कृपा-दृष्टि प्राप्त करने का प्रयत्न नहीं किया और न हम अपने अधर्ममय आचरण को छोड़कर तेरे सत्य वचन सुनने को तत्पर हुए।
‘तुम लोग जाओ, और मेरी ओर से तथा जनता की ओर से एवं समस्त यहूदा प्रदेश की ओर से इस धर्मपुस्तक के वचनों का अर्थ प्रभु से ज्ञात करो। प्रभु की महाक्रोधाग्नि हमारे प्रति भड़क उठी है; क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इस धर्म-पुस्तक के आदेशों का पालन नहीं किया। उन्होंने हमारे निमित्त लिखे गए प्रभु के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं किया।’
प्रभु यों कहता है, “देख, मैं इस स्थान पर, इसके सब निवासियों पर विपत्ति ढाहूंगा। इस पुस्तक के जो अभिशाप-वचन यहूदा प्रदेश के राजा के सम्मुख पढ़े गए हैं, उनको मैं पूर्ण करूंगा।
वे मिस्र देश से इस देश में आए। उन्होंने इस देश में प्रवेश किया, और इस पर अधिकार कर लिया। ‘किन्तु उन्होंने तेरी वाणी नहीं सुनी, और तेरी व्यवस्था के अनुसार आचरण नहीं किया। उन्होंने वे कार्य नहीं किये जिनको करने का आदेश तूने उनको दिया था। अत: तूने यह विपत्ति उन पर ढाही।