हारून-वंशीय पुरोहितों को उनका अंश देने के लिए अनेक नगरों में विशेष व्यक्तियों को उनके नाम से अंकित कर नियुक्त किया गया था। हारून-वंशीय पुरोहित अपने-अपने नगर के चारागाहों में रहते थे। ये व्यक्ति हारून-वंशीय परिवारों के पुरोहितों तथा सब लेवीय उप-पुरोहितों को, जिनके नाम नामावली में लिखे गए थे, उनका निर्धारित अंश देते थे।
वे अपनी इस भूमि का कोई अंश न तो बेचेंगे, और न दूसरी भूमि से अदला-बदली करेंगे। वे देश के इस पवित्र भाग को किसी दूसरे के अधिकार में नहीं देंगे; क्योंकि यह प्रभु को अर्पित है।
उन गांवों के, जिनके चारों ओर परकोटा नहीं होता, उनके मकानों की गणना देश के खेतों में की जाएगी। उनको मूल्य देकर अवश्य ही मुक्त किया जाएगा। वे जुबली वर्ष में मुक्त किए जाएंगे।
यदि कोई लेवीय जन मूल्य देकर मुक्त करने के अपने अधिकार को प्रयुक्त नहीं करेगा तो उसके अधिकृत नगर में स्थित मकान, जो बेचा गया है, जुबली वर्ष में मुक्त हो जाएगा; क्योंकि इस्राएली समाज के मध्य में लेवीय नगरों के मकानों पर उनका अधिकार है।