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लैव्यव्यवस्था 15:31 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

31 ‘इस प्रकार तुम इस्राएली समाज को उनकी अशुद्धता से अलग रखना; ऐसा न हो कि वे मेरे निवास-स्‍थान को, जो उनके मध्‍य में है, अशुद्ध करें और अपनी अशुद्धता के कारण मर जाएं।’

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पवित्र बाइबल

31 “इसलिए तुम इस्राएल के लोगों को अशुद्ध होने और उनको अशुद्धि से दूर रहने के बारे में सावधान करना। यदि तुम लोगों को सावधान नहीं करते तो वे मेरे पवित्र तम्बू को अशुद्ध कर सकते हैं और तब उन्हें मरना होगा!”

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Hindi Holy Bible

31 इस प्रकार से तुम इस्त्राएलियों को उनकी अशुद्धता से न्यारे रखा करो, कहीं ऐसा न हो कि वे यहोवा के निवास को जो उनके बीच में है अशुद्ध करके अपनी अशुद्धता में फंसे हुए मर जाएं॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

31 “इस प्रकार से तुम इस्राएलियों को उनकी अशुद्धता से अलग रखा करो, कहीं ऐसा न हो कि वे यहोवा के निवास को जो उनके बीच में है अशुद्ध करके अपनी अशुद्धता में फँसे हुए मर जाएँ।”

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नवीन हिंदी बाइबल

31 “इस प्रकार तुम इस्राएलियों को उनकी अशुद्धता से दूर रखना, कहीं ऐसा न हो कि वे मेरे निवासस्थान को, जो उनके बीच में है, अशुद्ध करने के द्वारा अपनी अशुद्धता में मर जाएँ।”

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सरल हिन्दी बाइबल

31 “ ‘इस प्रकार तुम इस्राएल वंशजों को उनकी अशुद्धता से अलग रखोगे, ऐसा न हो कि वे मेरे मिलनवाले तंबू को, जो उनके बीच में है, अशुद्ध करें और उनकी अशुद्धता के कारण उनकी मृत्यु हो जाए.’ ”

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लैव्यव्यवस्था 15:31
22 क्रॉस रेफरेंस  

यदि मैं अपने हृदय में अनिष्‍ट सोचता, तो स्‍वामी नहीं सुनता।


इतना ही नहीं, उन्‍होंने मेरे साथ यह व्‍यवहार किया: उन्‍होंने अपने पूजा-दिवस पर मेरे पवित्र स्‍थान को अशुद्ध किया, और मेरे पवित्र विश्राम-दिवस को अपवित्र।


‘ओ मानव, जब इस्राएली अपने देश में रहते थे, तब उन्‍होंने अपने आचरण और व्‍यवहार से उसको अशुद्ध कर दिया था। ऋतुमति स्‍त्री की अशुद्धता के समान उनका आचरण अशुद्ध था।


‘वे मेरे निज लोगों को सिखाएंगे कि कौन-सी वस्‍तु मेरी दृष्‍टि में पवित्र है, और कौन-सी वस्‍तु अपवित्र। वे उनको शुद्ध और अशुद्ध वस्‍तुओं का अन्‍तर बताएंगे।


‘मैं, स्‍वामी-प्रभु अपनी सौगन्‍ध खाकर कहता हूँ: तूने मेरे पवित्र स्‍थान को अपनी घृणित मूर्तियों और घिनौने कामों से अपवित्र कर दिया है, इसलिए मैं तेरी बोटी-बोटी कर दूंगा। मैं तुझ पर दया-दृष्‍टि नहीं करूंगा, और न मेरी आंखों से बचकर कोई भाग सकेगा।


“अगुआ अनेक लोगों के साथ पक्‍की सन्‍धि करेगा। इस सन्‍धि की अवधि वर्षों के एक सप्‍ताह की होगी और इन वर्षों के आधे सप्‍ताह तक अगुआ पशुबलि और अन्नबलि चढ़ाना बन्‍द करा देगा। तब घृणित मूर्तिपूजा के छा जाने से वह अगुआ विनाशक सिद्ध होगा। वह उस समय तक विनाश करता रहेगा जब तक उसके अन्‍त का निश्‍चित समय न आएगा।” ’


अशुद्ध और शुद्ध के मध्‍य, भक्ष्य और अभक्ष्य जीवित प्राणियों के मध्‍य, भेद किया जाए।


ऊनी, या सूती वस्‍त्र में, या ताना-बाना में, या चमड़े की किसी भी वस्‍तु में कुष्‍ठ-रोग जैसे दाग होने पर उसको शुद्ध या अशुद्ध घोषित करने की यही व्‍यवस्‍था है।


स्रावग्रस्‍त व्यक्‍ति, अथवा वीर्यपात के कारण अशुद्ध होने वाले व्यक्‍ति,


तुम मेरे विश्राम-दिवसों का पालन करना; मेरे पवित्र-स्‍थान के प्रति श्रद्धा रखना। मैं प्रभु हूँ।


यदि किसी ने मेरे पवित्र-स्‍थान को अशुद्ध और मेरे पवित्र नाम को अपवित्र करके अपनी सन्‍तान मोलेक देवता को दी, तो मैं स्‍वयं ऐसे व्यक्‍ति से विमुख होऊंगा और उसके लोगों के मध्‍य से उसे नष्‍ट करूँगा।


किन्‍तु वह अन्‍त:पट तथा वेदी के निकट नहीं आएगा; जिससे वह मेरे पवित्र स्‍थानों को अपवित्र न करे; क्‍योंकि उसमें शारीरिक दोष है। उन्‍हें पवित्र करने वाला मैं, प्रभु हूँ।’


मृत व्यक्‍ति को, किसी भी मनुष्‍य के शव को स्‍पर्श करनेवाला व्यक्‍ति जो स्‍वयं को शुद्ध नहीं करता, प्रभु के निवास-स्‍थान को अपवित्र करता है। ऐसा व्यक्‍ति इस्राएली समाज में से नष्‍ट किया जाएगा। उस पर विशुद्धीकरण का जल नहीं छिड़का गया था, इसलिए वह अशुद्ध है, उसकी अशुद्धता अब तक उसमें है।


‘किन्‍तु जो व्यक्‍ति अशुद्ध है, यदि वह स्‍वयं को शुद्ध नहीं करेगा तो ऐसा व्यक्‍ति धर्मसभा के मध्‍य से नष्‍ट किया जाएगा, क्‍योंकि उसने प्रभु के पवित्र-स्‍थान को अपवित्र किया है। उस पर विशुद्धीकरण का जल नहीं छिड़का गया, इसलिए वह अशुद्ध है।


तुम अशुद्ध स्‍त्री-पुरुष, दोनों को, पड़ाव से बाहर निकालोगे, जिससे वे अपने पड़ाव को, जिसमें मैं निवास करता हूँ अशुद्ध न करें।’


यदि कोई परमेश्‍वर का मन्‍दिर नष्‍ट करेगा, तो परमेश्‍वर उसे नष्‍ट करेगा; क्‍योंकि परमेश्‍वर का मन्‍दिर पवित्र है और वह मन्‍दिर आप हैं।


‘कुष्‍ठ रोग लग जाने पर अत्‍यन्‍त सावधान रहना! जो निर्देश लेवीय पुरोहित तुझे देंगे, तू उनका पूर्णत: पालन करना और उनके अनुसार कार्य करना। जैसा मैंने लेवीय पुरोहितों को आदेश दिया था, वैसा ही तू उसका पालन करना, और उसके अनुसार कार्य करना।


तो आप लोग विचार करें कि जो व्यक्‍ति परमेश्‍वर के पुत्र का तिरस्‍कार करता है, विधान के उस रक्‍त को तुच्‍छ समझता है जिस के द्वारा वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्‍मा का अपमान करता है, तो ऐसा व्यक्‍ति कितने घोर दण्‍ड के योग्‍य समझा जायेगा;


क्‍योंकि कुछ व्यक्‍ति आप लोगों के बीच छिप कर घुस आये हैं। इन धर्मद्रोही लोगों की दण्‍डाज्ञा प्राचीन काल से धर्मग्रन्‍थ में लिखी हुई है। ये धर्मद्रोही हमारे परमेश्‍वर की कृपा को विलासिता का बहाना बनाते और हमारे एकमात्र स्‍वामी एवं प्रभु येशु मसीह को अस्‍वीकार करते हैं।


इसलिए मैं एली के परिवार के सम्‍बन्‍ध में यह शपथ खाता हूँ कि उस के परिवार के अधर्म का प्रायश्‍चित न बलि और न भेंटों के चढ़ाने से कभी हो सकेगा।’


हमारे पर का पालन करें:

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