4 या उन अट्ठारह व्यक्तियों के विषय में तुम क्या सोचते हो जिनके ऊपर शीलोह के बुर्ज ने गिर कर उन्हें मार डाला। क्या सोचते हो, वे यरूशलेम में रहने वाले दूसरे सभी व्यक्तियों से अधिक अपराधी थे?
शल्लूम बेन-कोल्होजे मिस्पाह जिले का प्रशासक था। उसने ‘झरना-द्वार’ की मरम्मत की। उसने उसको फिर बनाया और उसमें दरवाजे, अर्गलाएं और छड़ें लगाईं और उस पर छतरी डाली। उसने शहरपनाह के ‘शिलोह कुण्ड’ की दीवार भी बनाई। यह दीवार राज-उद्यान के पास थी, और दाऊदपुर के नीचे की ओर जाने वाली सीढ़ियों तक जाती थी।
कि अचानक मरुस्थल की ओर से एक भीषण आंधी आयी। उसने मकान के चारों से ऐसा धक्का दिया कि वह आपके जवान पुत्र-पुत्रियों पर गिर पड़ा और वे दबकर मर गये। केवल मैं ही बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिये आया हूं।’
उसने उत्तर दिया, “जो मनुष्य येशु कहलाते हैं, उन्होंने मिट्टी का लेप बनाया और उसे मेरी आँखों पर लगा कर कहा, ‘शीलोह के कुण्ड पर जाओ और धो लो।’ मैं गया और धोने के बाद देखने लगा।”
द्वीप के निवासी उनके हाथ में साँप लिपटा देख कर आपस में कहने लगे, “निश्चय ही यह व्यक्ति हत्यारा है। यह समुद्र से तो बच गया है, किन्तु ईश्वरीय न्याय ने इसे जीवित नहीं रहने दिया।”