यिर्मयाह 7:31 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)31 अपने पुत्र-पुत्रियों को बलि चढ़ाने के लिए उन्होंने बेन-हिन्नोम की घाटी में तोपेत नामक वेदी बनायी है। वहां वे आग में अपने पुत्रों और पुत्रियों की आहुति देते हैं। इस बलि का मैंने कभी आदेश नहीं दिया था, और न कभी यह घृणित बात मेरे मन में आयी थी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल31 यहूदा के उन लोगों ने बेन—हिन्नोम घाटी में तोपेत के उच्च स्थान बनाए हैं। उन स्थानों पर लोग अपने पुत्र—पुत्रियों को मार डालते थे, वे उन्हें बलि के रूप में जला देते थे। यह ऐसा है जिसके लिये मैंने कभी आदेश नहीं दिया। इस प्रकार की बात कभी मेरे मन में आई ही नहीं! अध्याय देखेंHindi Holy Bible31 और उन्होंने हिन्नोमवंशियों की तराई में तोपेत नाम ऊंचे स्थान बनाकर, अपने बेटे-बेटियों को आग में जलाया है; जिसकी आज्ञा मैं ने कभी नहीं दी और न मेरे मन में वह कभी आया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)31 और उन्होंने हिन्नोमवंशियों की तराई में तोपेत नामक ऊँचे स्थान बनाकर, अपने बेटे–बेटियों को आग में जलाया है; जिसकी आज्ञा मैं ने कभी नहीं दी और न मेरे मन में वह कभी आया। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल31 उन्होंने तोफेथ के पूजा-स्थल निर्मित कर लिए हैं जो हिन्नोम के पुत्र की घाटी में हैं कि वे वहां अपने पुत्रों-पुत्रियों को होमबलि स्वरूप अर्पित करें, जिसको मैंने आदेश ही न दिया है, न ही यह कभी मेरे विचारों में आया था. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201931 और उन्होंने हिन्नोमवंशियों की तराई में तोपेत नामक ऊँचे स्थान बनाकर, अपने बेटे-बेटियों को आग में जलाया है; जिसकी आज्ञा मैंने कभी नहीं दी और न मेरे मन में वह कभी आया। अध्याय देखें |
उन्होंने मोलेक देवता को अपने पुत्र-पुत्रियां बलि चढ़ाने के लिए बेन-हिन्नोम की घाटी में पहाड़ी टीलों पर बअल देवता के लिए वेदियां बनायी हैं। क्या मैंने उन को यह घृणास्पद कार्य करने की आज्ञा दी थी? क्या ऐसा विचार मेरे मस्तिष्क में आ सकता है कि वे ऐसा घृणास्पद कार्य करें, और यहूदा प्रदेश की जनता को पाप-कर्म के लिए फुसलाएं?
जब तुम इन मूर्तियों के सामने उपहार-भेंट चढ़ाते हो, जब तुम अपने पुत्रों की अग्नि-बलि चढ़ाते हो, तब इस मूर्ति-पूजा के कारण तुम आज तक स्वयं को अशुद्ध करते हो। ऐसे घृणित काम करने के पश्चात् भी तुम आशा करते हो कि मैं तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर में तुम पर अपनी इच्छा प्रकट करूंगा? ओ इस्राएल के वंशजो, मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है, तुम मेरी इच्छा नहीं जान सकोगे।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।