3 स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है: अपना आचरण सुधारो, अपना व्यवहार ठीक करो। तब मैं तुम्हें इस प्रदेश में निवास करने दूंगा।
3 इस्राएल के लोगों का परमेश्वर यहोवा है। सर्वशक्तिमान यहोवा जो कहता है, वह यह है, अपना जीवन बदलो और अच्छे काम करो। यदि तुम ऐसा करोगे तो मैं तुम्हें इस स्थान पर रहने दूँगा।
प्रभु इस्राएल और यहूदा प्रदेशों को नबियों और द्रष्टाओं के द्वारा चेतावनी देता रहा। प्रभु ने उनसे कहा, ‘अपने कुमार्गों को छोड़ दो, और मेरी आज्ञाओं और संविधियों का पालन करो। जो व्यवस्था मैंने तुम्हारे पूर्वजों को प्रदान की थी, जो व्यवस्था मैंने अपने सेवक नबियों के हाथ से तुम्हें भेजी थी, उसके अनुसार कार्य करो।’
इसलिए अब तुम अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर से अपना पाप स्वीकार करो, और उसकी इच्छा के अनुसार कार्य करो। स्वयं को इस देश में रहने वाली जातियों से अलग करो। जिन विदेशी कन्याओं से तुमने विवाह किया है, उनसे सम्बन्ध-विच्छेद कर लो।’
जो मनुष्य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्तु अपने अपराध को स्वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्य पर परमेश्वर दया करता है।
दुर्जन मनुष्य अपने मार्ग को छोड़ दे, और अधार्मिक व्यक्ति अपने बुरे विचारों को। वह प्रभु की ओर लौटे, जिससे प्रभु उस पर दया करे। वह हमारे परमेश्वर के पास आए; क्योंकि प्रभु उसे पूर्णत: क्षमा करेगा।
तो दाऊद के सिंहासन पर बैठने वाले राजा इस नगर के प्रवेश-द्वारों से सदा प्रवेश करते रहेंगे। रथों और घोड़ों पर सवार राजा और राजकुमार तथा यहूदा प्रदेश के योद्धा, और यरूशलेम के निवासी, इन प्रवेश-द्वारों से आते-जाते रहेंगे। यह यरूशलेम नगर सदा आबाद रहेगा।
‘अब, यिर्मयाह, तू यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों से यह कह : “प्रभु यों कहता है : देखो, मैं तुम्हारा अनिष्ट करने का विचार कर रहा हूँ; मैं तुम्हारे विरुद्ध अनिष्ट की योजना बना रहा हूं। अत: प्रत्येक मनुष्य अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटे, और तुम-सब अपना-अपना आचरण और व्यवहार सुधारो।”
किन्तु यदि वह राष्ट्र जिस के विनाश के सम्बन्ध में मैंने घोषणा की थी, अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटता है, तो मैं पछताता हूं कि मैंने उस राष्ट्र का अनिष्ट करने का निश्चय किया था।
अत: अब अपना आचरण सुधारो, अपने बुरे कामों को छोड़ो, और अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी को सुनो। तब कदाचित् प्रभु अपने निश्चय के लिए पछताए; क्योंकि उसने तुम्हारा अनिष्ट करने का निश्चय किया है, जिसकी घोषणा उसने की है।
मैंने बार-बार तुम्हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्येक व्यक्ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्यवहार को सुधारे, अन्य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्चिन्त निवास करोगे, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को, और तुम्हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।
प्रभु कहता है, ‘ओ इस्राएल! यदि तू लौटे, तो तुझे मेरे पास ही लौटना चाहिए। यदि तू अपनी मूर्ति-पूजा की घृणित वस्तुओं को मेरे सामने से दूर करे, और मेरे पास से न भागे,
प्रभु यों कहता है, ‘मार्ग के किनारे खड़े हो, और स्वयं देखो। प्राचीन पथों का पता लगाओ। लोगों से पूछो कि सन्मार्ग कहां है। तब उस पर चलो, तभी तुम्हारी आत्मा को चैन मिलेगा। लेकिन यरूशलेम निवासी कहते हैं, “हम सन्मार्ग पर नहीं चलेंगे।”