मुझ-प्रभु की यह वाणी है : सुन, इसके पश्चात् मैं यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह और उसके राजकर्मचारियों को, तथा नगर के उन लोगों को जो महामारी, तलवार और अकाल से बच जाएंगे, बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ में, उनके प्राणों के खोजी, उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप दूंगा। राजा नबूकदनेस्सर उन पर लेशमात्र भी दया नहीं करेगा। वह उनको जीवित नहीं छोड़ेगा, और न उन पर तरह खाएगा; वरन् वह उनको तलवार से मौत के घाट उतार देगा।”
तब मैं, यहूदा प्रदेश का राजा, कसदी सेना के हाथ से बच कर भाग नहीं सकूंगा, और बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंपा जाऊंगा। मैं और वह आमने-सामने बातें करेंगे, और एक-दूसरे को अपनी आंखों से देखेंगे।
मैं यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह और उसके उच्चाधिकारियों को उनके शत्रुओं के हाथ में, उनके प्राण के ग्राहकों के हाथ में, अर्थात् बेबीलोन के राजा की सेना के हाथ में सौंप दूंगा जो तुम्हारे नगर की मोर्चाबन्दी उठाकर चली गयी है।
तब राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह को अपने महल में बुलवाया, और वह उनसे मिला। उसने अपने महल में गुप्त रूप से यिर्मयाह से पुछा, ‘क्या आप को प्रभु का कोई सन्देश मिला है?’ यिर्मयाह बोले, ‘निस्सन्देह, मिला है।’ फिर आगे यिर्मयाह ने कहा, ‘आप निश्चय ही बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंपे जाएंगे।’
यिर्मयाह ने राजा सिदकियाह से यह भी कहा, ‘मैंने आपका या आपके कर्मचारियों का, या आपकी प्रजा का क्या अपराध किया है कि आप ने मुझे बन्दी बना कर कारागार में डाल रखा है?
‘मैंने यह भी देखा : आप की सब स्त्रियों और राजकुमारों को कसदी सैनिकों ने पकड़ा, और वे उनको अपनी सेना-शिविर में लाए। महाराज, आप भी उनके हाथ से नहीं बचे, और बेबीलोन के राजा ने आप को बन्दी बना लिया। यह नगर आप के कारण आग में भस्म हो गया।’
किन्तु कसदी सेना ने उनका पीछा किया, और यरीहो के मैदान में सिदकियाह को पकड़ लिया। वे उसको बन्दी बना कर हमात देश के रिबला नगर में ले गए, और बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के सामने पेश किया। नबूकदनेस्सर ने वहां सिदकियाह को दण्ड दिया।