यिर्मयाह 43:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)2 तब अजर्याह बेन-होशाया, योहानान बेन-कारेह तथा अन्य ढीठ लोगों ने यिर्मयाह को उत्तर दिया, ‘आप झूठ बोल रहे हैं। हमारे प्रभु परमेश्वर ने आप को यह कहने के लिए नहीं भेजा है कि मिस्र देश में बसने के लिए मत जाओ। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल2 होशाया का पुत्र अजर्याह, कारेह का पुत्र योहानान और कुछ अन्य लोग घमण्डी और हठी थी। वे लोग यिर्मयाह पर क्रोधित हो गए। उन लोगों ने यिर्मयाह से कहा, “यिर्मयाह, तुम झूठ बोलते हो! हमारे परमेश्वर यहोवा ने तुम से हमें यह कहने को नहीं भेजा, ‘तुम लोगों को मिस्र में रहने के लिये नहीं जाना चाहिये।’ अध्याय देखेंHindi Holy Bible2 तब होशाया के पुत्र अजर्याह और कारेह के पुत्र योहानान और सब अभिमानी पुरुषों ने यिर्मयाह से कहा, तू झूठ बोलता है। हमारे परमेश्वर यहोवा ने तुझे यह कहने के लिये नहीं भेजा कि मिस्र में रहने के लिये मत जाओ; अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)2 तब होशाया के पुत्र अजर्याह और कारेह के पुत्र योहानान और सब अभिमानी पुरुषों ने यिर्मयाह से कहा, “तू झूठ बोलता है। हमारे परमेश्वर यहोवा ने तुझे यह कहने के लिये नहीं भेजा, ‘मिस्र में रहने के लिये मत जाओ;’ अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल2 होशाइयाह का पुत्र अज़रियाह तथा कोरियाह का पुत्र योहानन तथा अन्य सारे दंभी लोग येरेमियाह के विषय में कह उठे: “झूठ बोल रहे हैं आप! याहवेह, हमारे परमेश्वर ने आपको इस संदेश के साथ भेजा ही नहीं है, ‘तुम्हें मिस्र में बस जाने के उद्देश्य से प्रवेश नहीं करना है’; अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20192 तब होशायाह के पुत्र अजर्याह और कारेह के पुत्र योहानान और सब अभिमानी पुरुषों ने यिर्मयाह से कहा, “तू झूठ बोलता है। हमारे परमेश्वर यहोवा ने तुझे यह कहने के लिये नहीं भेजा कि ‘मिस्र में रहने के लिये मत जाओ;’ अध्याय देखें |
राजा नबूकदनेस्सर ने उसको परमेश्वर की शपथ दी थी कि वह उससे विद्रोह नहीं करेगा। तो भी उसने परमेश्वर की शपथ की उपेक्षा की और राजा नबूकदनेस्सर से विद्रोह किया। उसने इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के प्रति अपने हृदय को कठोर बना लिया था। हठ से उसकी गर्दन ऐंठ गई थी, और वह प्रभु से विमुख हो गया था।
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’