1 जब वे गेरथ किम्हाम में थे योहानान और होशायाह का पुत्र याजन्याह नामक एक व्यक्ति यिर्मयाह नबी के पास गए। योहानान और याजन्याह के साथ सभी सैनिक अधिकारी गए। बड़े से लेकर बहुत छोटे तक सभी व्यक्ति यिर्मयाह के पास गए।
1 तब सारी सेना के सेनापति, कोरियाह का पुत्र योहानन, होशाइयाह का पुत्र येत्सानियाह, तथा प्रजा के साधारण एवं विशिष्ट सभी लोग भविष्यद्वक्ता येरेमियाह से भेंट करने आ गए
जब यहूदा प्रदेश के छापामार-दलों के सेनानायकों और सैनिकों ने सुना कि बेबीलोन के राजा ने गदल्याह को प्रशासक नियुक्त किया है, तब वे सेनानायक अपने सैनिकों के साथ मिस्पाह नगर में गदल्याह के पास आए। सेनानायकों के नाम ये हैं : यिश्माएल बेन-नतनयाह, योहानान बेन-कारेह, सरायाह बेन-तनहूमेत, जो नटोफाहनगर का रहने वाला था; और याजनयाह, जिसका पिता माकाह का निवासी था।
स्वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्मान करते हैं; किन्तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्ति करते हैं; इनकी भक्ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।
ओ याकूब के वंशजो, मेरी यह बात सुनो। तुम इस्राएल के नाम से पुकारे जाते हो, तुम यहूदा के वंश में उत्पन्न हुए हो। तुम प्रभु के नाम की शपथ खाते हो, तुम इस्राएल के परमेश्वर के नाम को स्मरण करते हो, पर सच्चाई से नहीं, धार्मिकता से नहीं।
राजा सिदकियाह ने येहूकल बेन-शेलेम्याह और पुरोहित सफन्याह बेन-मासेयाह को नबी यिर्मयाह के पास भेजा और यह निवेदन किया, ‘प्रभु परमेश्वर से हमारे लिए प्रार्थना कीजिए।’
तब सेनानायक मिस्पाह में गदल्याह के पास गए। उनके नाम इस प्रकार हैं: यिश्माएल बेन-नतन्याह, योहानान बेन-कारेह, सरायाह बेन-तन्हूमेत, नतोपा-वासी एपई के पुत्र, और याजन्याह, जो किसी माका-वासी का पुत्र था। ये सेना-नायक अपने-अपने सैन्य दल के साथ गए।
योहानान बेन-कारेह तथा उसके सेनानायकों को इस दु:खद घटना की खबर मिली। जो दुष्कर्म यिश्माएल बेन-नतन्याह ने किया था, योहानान और उसके साथियों को उसका पता चला।
गदल्याह की हत्या के बाद यिश्माएल जिन लोगों को बन्दी बना कर मिस्पाह से ले जा रहा था, उनमें सैनिक, स्त्रियां, बच्चे, और खोजे थे। योहानान और उसके सेनानायक इन सबको गिबओन से वापस लाए।
वे कसदियों से डरते थे; क्योंकि यिश्माएल बेन-नतन्याह ने गदल्याह की हत्या की थी, जिसको बेबीलोन के राजा ने यहूदा प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था।
अन्यथा तुम्हें अपने प्राण से हाथ धोना पड़ेगा। तुमने मुझे अपने प्रभु परमेश्वर के पास यह कहकर भेजा था, “हमारे प्रभु परमेश्वर से हमारे लिए प्रार्थना कीजिए, और जो कुछ वह हम से कहेगा, हम करेंगे।”
तब अजर्याह बेन-होशाया, योहानान बेन-कारेह तथा अन्य ढीठ लोगों ने यिर्मयाह को उत्तर दिया, ‘आप झूठ बोल रहे हैं। हमारे प्रभु परमेश्वर ने आप को यह कहने के लिए नहीं भेजा है कि मिस्र देश में बसने के लिए मत जाओ।
जो यहूदा प्रदेश के बचे हुए लोग मिस्र देश में बसने के लिए इधर आ रहे हैं, मैं उन पर हाथ उठाऊंगा, और वे सब पूर्णत: नष्ट हो जाएंगे। वे मिस्र देश में मर-मिट जाएंगे। तलवार और अकाल से वे मारे जाएंगे; हाँ, छोटे-बड़े सबका तलवार और अकाल से संहार होगा। वे लोगों के लिए आतंक का कारण बनेंगे और शापित कहलाएंगे। लोग उनसे घृणा करेंगे और उनकी निंदा करेंगे।
अत: मैं उनकी स्त्रियां और उनके खेत विजेता शत्रुओं के हाथ में सौंप दूंगा। क्योंकि छोटे से बड़े तक, हर कोई मनुष्य अन्याय से कमाए गए धन का लोभी बन गया है। नबी से पुरोहित तक सब मनुष्य झूठ का सौदा करते हैं।
आत्मा ने मुझे उठाया, और वह मुझे प्रभु के भवन के पूर्वी फाटक पर ले गया, जिसका मुंह पूर्व दिशा में है। वहां मैंने देखा कि फाटक के प्रवेश-द्वार पर पच्चीस पुरुष खड़े हैं, और उनमें याजन्याह बेन-अज्जूर और पलत्याह बेन-बनायाह भी हैं, जो लोगों के उच्चाधिकारी हैं।
वे झुण्ड के झुण्ड तेरे पास आते हैं। वे मेरे निज लोगों के समान तेरे सामने बैठते हैं। वे तेरी बातें सुनते हैं, पर मेरे सन्देश के अनुसार आचरण नहीं करते। “वाह! कितने सुन्दर वचन हैं!” , वे मुंह से यह कहते हैं, किन्तु उनका हृदय स्वार्थ में डूबा हुआ है।
मैंने यह भी देखा: इस्राएल-कुल के सत्तर धर्मवृद्ध उन चित्रों के सामने खड़े हैं। उनके मध्य में याजन्याह बेन-शापान भी खड़ा है। हर एक धर्मवृद्ध अपने हाथ में एक धूपदान लिये हुए है, और लोबान का धूंआ ऊपर उठ रहा है।