3 और उसने उस नबूवत को पूरा भी किया। प्रभु ने वैसा ही किया जैसा उसने कहा था। आप लोगों ने प्रभु के विरुद्ध पाप किया, उसकी वाणी नहीं सुनी, इसलिए यह विपत्ति आप पर पड़ी।
3 और अब यहोवा ने सब कुछ वह कर दिया है जिसे उसने करने को कहा था। यह विपत्ति इसलिये आई कि यहूदा के लोगों, तुमने यहोवा के विरुद्ध पाप किये। तुम लोगों ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी।
3 ओर जैसा यहोवा ने कहा था वैसा ही उसने पूरा भी किया है। तुम लोगों ने जो यहोवा के विरुद्ध पाप किया ओर उसकी आज्ञा नहीं मानी, इस कारण तुम्हारी यह दशा हुई है।
3 जैसा यहोवा ने कहा था वैसा ही उसने पूरा भी किया है, तुम लोगों ने जो यहोवा के विरुद्ध पाप किया और उसकी आज्ञा नहीं मानी, इस कारण तुम्हारी यह दशा हुई है।
3 अब याहवेह ने जैसी पूर्ववाणी की थी; उसे ही बनाकर दिखाया है. क्योंकि आप लोगों ने ही तो याहवेह के विरुद्ध पाप किया है, आप लोगों ने उनके आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिये आप पर यह विपत्ति टूट पड़ी है.
3 जैसा यहोवा ने कहा था वैसा ही उसने पूरा भी किया है। तुम लोगों ने जो यहोवा के विरुद्ध पाप किया और उसकी आज्ञा नहीं मानी, इस कारण तुम्हारी यह दशा हुई है।
जब उनको बाहरी शत्रु से चैन मिलता था, वे तेरे प्रति फिर दुष्कर्म करते थे; इसलिए तू उनको उनके शत्रुओं के हाथ में छोड़ देता था कि उनके शत्रु उन पर शासन करें। पर जब वे तेरी ओर लौटते, और तेरी दुहाई देते थे तब तू स्वर्ग से उनकी दुहाई सुनता था; अनेक बार तूने अपने दयामय स्वभाव के कारण उनके शत्रुओं के हाथ से उन्हें मुक्त किया था।
तो भी हम पर जो कष्ट आए हैं, उनके विषय में तेरा व्यवहार न्यायसंगत ही था। तूने हमारे साथ सत्य के अनुरूप व्यवहार किया, फिर भी हम दुष्टतापूर्ण व्यवहार करते रहे।
ओ इस्राएली राष्ट्र, जिस स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने तुझे स्थापित किया था, अब वही तुझे उखाड़ कर फेंक देगा। वह कहता है, ‘इस्राएल प्रदेश के, और यहूदा प्रदेश के लोगों ने मेरे प्रति दुष्कर्म किया है; उन्होंने बअल देवता की वेदी पर सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाकर मेरी क्रोधाग्नि को भड़काया है।’
‘जा, और कूश देश के निवासी एबेदमेलेक से यह कह: “इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: इस नगर को दण्ड देने के लिए जो वचन मैंने कहे हैं, उनको मैं अवश्य पूरा करूंगा, और उनसे इस नगर का बुरा ही होगा, भला नहीं। तेरी आंखों के सामने उस दिन मेरे सब वचन पूर्ण होंगे।
क्योंकि तुमने आकाश की रानी के लिए धूप जलायी थी; क्योंकि तुमने प्रभु के प्रति पाप किया था, और उसकी वाणी नहीं सुनी थी। तुमने उसके धर्मनियमों, संविधियों और सािक्षयों के अनुरूप आचरण नहीं किया; इस कारण यह विपत्ति तुम पर आयी, और आज तक बनी हुई है।’
जिन्होंने भटकी हुई भेड़ों को पाया, वे उनको खा गए। उनके शत्रुओं ने कहा, “हमारा इसमें कोई दोष नहीं है; क्योंकि उन्होंने अपने सच्चे प्रभु के प्रति पाप किया है; ऐसा प्रभु जो धर्म का आधार है, जो उनके पूर्वजों का आश्रय था।”
जो प्रभु ने निश्चय किया था, उसने उसको पूरा किया, उसने अपनी धमकी पूरी की। जैसा उसने बहुत पहले आदेश दिया था, उस वचन के अनुसार उसने कार्य किया। उसने निर्दयतापूर्वक नगर का विध्वन्स कर दिया। ओ यरूशलेम! उसने तेरे शत्रुओं को तुझ पर हंसने और आनन्द मनाने का अवसर प्रदान किया; तेरे बैरियों की शक्ति को बढ़ाया।
किन्तु तुम अपने इस हठ और अपने हृदय के अपश्चात्ताप के कारण कोप के दिन के लिए अपने विरुद्ध कोप का संचय कर रहे हो, जब परमेश्वर का निष्पक्ष न्याय प्रकट होगा।
हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है, वह उन लोगों से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं, जिससे प्रत्येक व्यक्ति का मुँह बन्द हो जाए और परमेश्वर के सामने समस्त संसार दण्ड के योग्य माना जाए।
तब लोग कहेंगे, “जब प्रभु उन्हें मिस्र देश से निकाल कर लाया था तब उसने उनके साथ एक विधान स्थापित किया था। उन्होंने प्रभु के, अपने पूर्वजों के परमेश्वर के इस विधान को त्याग दिया,