3 तू उस के हाथ से बच नहीं सकेगा, वरन् निश्चय ही पकड़ा जाएगा और उसके हाथ में सौंप दिया जाएगा। तू उसको अपनी आंखों से प्रत्यक्ष देखेगा, और उससे आमने-सामने बातें करेगा। तू निस्सन्देह बेबीलोन नगर जाएगा।
3 सिदकिय्याह, तुम बाबुल के राजा से बचकर निकल नहीं पाओगे। तुम निश्चय ही पकड़े जाओगे और उसे दे दिये जाओगे। तुम बाबुल के राजा को अपनी आँखों से देखोगे। वह तुमसे आमने—सामने बातें करेगा और तुम बाबुल जाओगे।
3 और तू उसके हाथ से न बचेगा, निश्चय पकड़ा जाएगा और उसके वश में कर दिया जाएगा; और तेरी आंखें बाबुल के राजा को देखेंगी, और तुम आम्हने-साम्हने बातें करोगे; और तू बाबुल को जाएगा।
3 तू उसके हाथ से न बचेगा, निश्चय पकड़ा जाएगा और उसके वश में कर दिया जाएगा; और तेरी आँखें बेबीलोन के राजा को देखेंगी, और तुम आमने–सामने बातें करोगे; और तू बेबीलोन को जाएगा।’
3 तुम उसके हाथ से बचकर निकल न सकोगे, निश्चयतः तुम पकड़े जाओगे तथा उसे सौंप दिए जाओगे. तुम बाबेल के राजा को प्रत्यक्ष देखोगे, वह तुमसे साक्षात वार्तालाप करेगा और फिर तुम बाबेल को बंदी कर दिए जाओगे.
3 तू उसके हाथ से न बचेगा, निश्चय पकड़ा जाएगा और उसके वश में कर दिया जाएगा; और तेरी आँखें बाबेल के राजा को देखेंगी, और तुम आमने-सामने बातें करोगे; और तू बाबेल को जाएगा।’
मुझ-प्रभु की यह वाणी है : सुन, इसके पश्चात् मैं यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह और उसके राजकर्मचारियों को, तथा नगर के उन लोगों को जो महामारी, तलवार और अकाल से बच जाएंगे, बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ में, उनके प्राणों के खोजी, उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप दूंगा। राजा नबूकदनेस्सर उन पर लेशमात्र भी दया नहीं करेगा। वह उनको जीवित नहीं छोड़ेगा, और न उन पर तरह खाएगा; वरन् वह उनको तलवार से मौत के घाट उतार देगा।”
ये पात्र लुटकर बेबीलोन नगर ले जाये जाएंगे, और वहां तब तक रहेंगे जब तक मैं उनकी सुधि न लूंगा। उसके पश्चात् मैं उनको वापस लाऊंगा, और उन को उनके स्थान पर पुन: प्रतिष्ठित करूंगा।’
क्योंकि राजा सिदकियाह ने उनको गिरफ्तार कर लिया था। उसने उनपर यह आरोप लगाया था, ‘नबी तुम नबूवत में यह क्यों कहते हो कि प्रभु यों कहता है: “प्रभु इस नगर को बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंप रहा है, और वह इस पर अधिकार कर लेगा?”
तब मैं, यहूदा प्रदेश का राजा, कसदी सेना के हाथ से बच कर भाग नहीं सकूंगा, और बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंपा जाऊंगा। मैं और वह आमने-सामने बातें करेंगे, और एक-दूसरे को अपनी आंखों से देखेंगे।
मैं यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह और उसके उच्चाधिकारियों को उनके शत्रुओं के हाथ में, उनके प्राण के ग्राहकों के हाथ में, अर्थात् बेबीलोन के राजा की सेना के हाथ में सौंप दूंगा जो तुम्हारे नगर की मोर्चाबन्दी उठाकर चली गयी है।
तब राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह को अपने महल में बुलवाया, और वह उनसे मिला। उसने अपने महल में गुप्त रूप से यिर्मयाह से पुछा, ‘क्या आप को प्रभु का कोई सन्देश मिला है?’ यिर्मयाह बोले, ‘निस्सन्देह, मिला है।’ फिर आगे यिर्मयाह ने कहा, ‘आप निश्चय ही बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंपे जाएंगे।’
किन्तु यदि तू बेबीलोन के उच्चाधिकारियों के सम्मुख समर्पण नहीं करेगा, तो मैं यह नगर कसदी सेना के हाथ में सौंप दूंगा। कसदी सैनिक इस नगर को आग में भस्म कर देंगे, और तू उनके हाथ से नहीं बच सकेगा।’
‘मैंने यह भी देखा : आप की सब स्त्रियों और राजकुमारों को कसदी सैनिकों ने पकड़ा, और वे उनको अपनी सेना-शिविर में लाए। महाराज, आप भी उनके हाथ से नहीं बचे, और बेबीलोन के राजा ने आप को बन्दी बना लिया। यह नगर आप के कारण आग में भस्म हो गया।’
मैं उस पर अपना जाल फेंकूंगा, और वह मेरे फंदे में फंस जाएगा। मैं उसको कसदी देश की राजधानी बेबीलोन में लाऊंगा, लेकिन वह उसको न देख सकेगा (क्योंकि वह अंधा कर दिया जाएगा) और वहीं मर जाएगा।
किन्तु उसने बेबीलोन के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, और मिस्र देश को अपने दूत भेजे ताकि वह उसकी मदद करे, और उसको घोड़े और विशाल सेना भेजे। क्या वह अपने विद्रोह में सफल होगा? ऐसे काम करनेवाला मनुष्य क्या भाग कर अपने प्राण बचा सकेगा? सन्धि की शर्तों को तोड़नेवाला क्या बच सकेगा?
मेरे जीवन की सौगन्ध! मैं, स्वामी-प्रभु यह कहता हूं, जिस देश के राजा ने उसको राजा बनाया था, और जिस देश के राजा के वचन को वह तुच्छ समझता है, और जिसकी सन्धि को उसने तोड़ा है, उसी राजा के देश में वह मरेगा!