मैं तुम्हारे आनन्द के उत्सव-पर्वों को शोक-दिवसों में परिणत कर दूंगा; मैं तुम्हारे स्तुति गीतों को विलाप गीतों में बदल दूंगा। शोक प्रदर्शित करने के लिए तुम-सबको कमर में टाट के वस्त्र पहनने पड़ेंगे, तुम्हें सिर मुंड़ाना होगा। मैं तुमसे ऐसा शोक कराऊंगा, जैसा इकलौते पुत्र का मृत्यु शोक होता है। वह दिन अन्त तक भयावह होगा।’
उस दिन वे समुद्र के गर्जन की तरह इस्राएल पर गुर्राएंगे। यदि कोई व्यक्ति इस्राएल देश पर दृष्टिपात करेगा, तो वह वहाँ यह देखेगा : अन्धकार और संकट के बादल! काले बादलों से प्रकाश छिप जाएगा।
‘मैं यह क्या देख रहा हूं? वे हताश होकर पीछे हटने लगे हैं। उनके योद्धा पराजित हो गए, और वे तुरन्त पीठ दिखाकर भाग गए। वे पीछे मुड़कर नहीं देख रहे हैं; चारों ओर आतंक छा गया है। प्रभु की यह वाणी है।
सियोन से यह शोक गीत सुनाई दे रहा है: “हम बरबाद हो गए! हम अपमान से भूमि में गड़ गए। हमें अपने देश को छोड़ना पड़ा। शत्रुओं ने हमारे निवास-स्थान ध्वस्त कर दिए।” ’
मेरे नगर के निवासियों की, यरूशलेम के नागरिकों की करुण चीख- पुकार सुनाई दे रही है। सारे देश में एक छोर से दूसरे छोर तक, लोग कह रहे हैं, ‘क्या सियोन में प्रभु नहीं है? क्या सियोन का राजा सियोन को त्याग चुका है?’ प्रभु ने कहा, ‘इन लोगों ने अपनी मूर्ति-पूजा से, विदेशियों की निस्सार मूर्तियों की प्रतिष्ठा से मेरी क्रोधाग्नि क्यों भड़कायी?’
हम-सब रीछों के सदृश गुर्राते हैं; और कबुतरों के समान गुटरगूं... गुटरगूं करते हुए विलाप करते हैं। हम न्याय की राह देखते हैं। पर वह है ही नहीं; हम उद्धार की प्रतीक्षा करते हैं पर वह हमसे बहुत दूर है।
शत्रु के घोड़ों की हिनहिनाहट दान क्षेत्र से सुनाई दे रही है; उनके शक्तिशाली अश्वों के फुर्राने से सारा देश कांप उठा है। शत्रु आ रहे हैं; वे भूमि की फसल को, और जो कुछ देश में है, उस सब को नगरों को, और नागरिकों को पूर्णत: नष्ट कर रहे हैं।’
निर्जन प्रदेश के मुंडे टीलों पर विनाश करनेवाले आ पहुंचे। देश के एक कोने से दूसरे कोने तक मुझ-प्रभु की तलवार विनाश कर रही है। कोई भी मनुष्य सुरक्षित नहीं है।
ओ मेरे नगर के निवासियो! पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्त्र पहनो और राख में लोटो! जैसे इकलौती संतान के निधन पर हृदय को चीरनेवाला विलाप होता है, वैसा ही शोर मचाओ! क्योंकि अचानक ही महाविनाशक हम पर टूट पड़नेवाला है।