13 अत: अब अपना आचरण सुधारो, अपने बुरे कामों को छोड़ो, और अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी को सुनो। तब कदाचित् प्रभु अपने निश्चय के लिए पछताए; क्योंकि उसने तुम्हारा अनिष्ट करने का निश्चय किया है, जिसकी घोषणा उसने की है।
13 तुम लोगों को अपना जीवन बदलना चाहिये! तुम्हें अच्छे काम करना आरम्भ करना चाहिये। तुम्हें अपने यहोवा परमेश्वर की आज्ञा माननी चाहिये। यदि तुम ऐसा करोगे तो यहोवा अपना इरादा बदल देगा। यहोवा वे बुरी विपत्तियाँ नहीं लायेगा, जिनके घटित होने के बारे में उसने कहा।
13 इसलिये अब अपना चालचलन और अपने काम सुधारो, और अपने परमेश्वर यहोवा की बात मानो; तब यहोवा उस विपत्ति के विषय में जिसकी चर्चा उसने तुम से की है, पछताएगा।
13 इसलिये अब अपना चालचलन और अपने काम सुधारो, और अपने परमेश्वर यहोवा की बात मानो; तब यहोवा उस विपत्ति के विषय में जिसकी चर्चा उसने तुम से की है, पछताएगा।
13 अब आप अपने आचरण को तथा अपने कार्यों को सुधार लीजिए तथा याहवेह अपने परमेश्वर के आदेश के प्रति आज्ञाकारी बन जाइए. तब याहवेह आपके संबंध में घोषित विपत्ति के विषय में अपने संकल्प को परिवर्तित कर देंगे.
13 इसलिए अब अपना चाल चलन और अपने काम सुधारो, और अपने परमेश्वर यहोवा की बात मानो; तब यहोवा उस विपत्ति के विषय में जिसकी चर्चा उसने तुम से की है, पछताएगा।
उसने प्रभु से प्रार्थना की। उसने कहा, ‘प्रभु, मेरी तुझसे यह प्रार्थना है: जब मैं अपने देश में था, तब मैंने तुझ से यही तो कहा था; अब तो वही बात हुई। इसी कारण मैं तुरन्त तर्शीश नगर को भागा था। मैं जानता था कि तू कृपालु और दयालु परमेश्वर है। तू विलम्ब से क्रोध करने वाला और करुणा का सागर है। तू विपत्ति ढाहने के अपने निर्णय को बदलता भी है।
वह पूर्ण रूप से सिद्ध बन कर और परमेश्वर से मलकीसेदेक के अनुरूप महापुरोहित की उपाधि प्राप्त कर उन सब के शाश्वत मुक्ति के स्रोत बन गये, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं।
यिर्मयाह ने उत्तर दिया, ‘महाराज, कसदी उच्चाधिकारी आपको उनके हाथ में नहीं सौंपेंगे। कृपया, प्रभु की वाणी पर ध्यान दीजिए। जो प्रभु का वचन मैंने आप से कहा है, उस पर विश्वास कीजिए। आप का भला होगा, और आपका प्राण जीवित रहेगा।
जब मेरे ये वचन पढ़े जाएंगे और यहुदा प्रदेश की जनता सुनेगी कि मैं उनका क्या अनिष्ट करनेवाला हूं, तो हो सकता है कि यहूदा प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति अपने दुराचरण को छोड़ दे और पश्चात्ताप करे, और मैं उसके अधर्म और पाप को क्षमा कर दूं।’
मैंने बार-बार तुम्हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्येक व्यक्ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्यवहार को सुधारे, अन्य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्चिन्त निवास करोगे, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को, और तुम्हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।
‘हम आप-सब से पूछते हैं : क्या राजा हिजाकियाह ने नबी मीकायाह की इस कठोर नबूवत के कारण उन को मृत्यु-दण्ड दिया? कदापि नहीं; बल्कि वह प्रभु से डरा, और उसने प्रभु की कृपा के लिए विनती की। अत: प्रभु अपने निश्चय के लिए पछताया, और उसने यहूदा प्रदेश का अनिष्ट करने का जो निश्चय किया था, और जिसकी उसने घोषणा की थी, वह नहीं किया। किन्तु हम तो इस मनुष्य के साथ यह व्यवहार कर अपने ऊपर महा विपत्ति ला रहे हैं।’
हो सकता है, वे मेरे इन वचनों को सुन कर अपने कुमार्ग से लौटें, और उनके दुष्कर्मों के कारण जो मैंने उनका अनिष्ट करने का निश्चय किया है, उससे मैं पछताऊं।
किन्तु यदि वह राष्ट्र जिस के विनाश के सम्बन्ध में मैंने घोषणा की थी, अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटता है, तो मैं पछताता हूं कि मैंने उस राष्ट्र का अनिष्ट करने का निश्चय किया था।
दुर्जन मनुष्य अपने मार्ग को छोड़ दे, और अधार्मिक व्यक्ति अपने बुरे विचारों को। वह प्रभु की ओर लौटे, जिससे प्रभु उस पर दया करे। वह हमारे परमेश्वर के पास आए; क्योंकि प्रभु उसे पूर्णत: क्षमा करेगा।
ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्वयं स्वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्यों मरना चाहते हो?”
यदि तुम इस देश में रहोगे, तो मैं तुम्हारा पुन: निर्माण करूंगा, और तुम्हें नष्ट नहीं करूंगा। मैं तुम्हारे वंश-वृक्ष को पुन: रोपूंगा, और तुम्हें नहीं उखाड़ूंगा; क्योंकि मैंने तुम्हारा जो अनिष्ट किया है, उसके लिए मैं पछता रहा हूं।
जब प्रभु इस्राएलियों के लिए शासक नियुक्त करता था तब प्रभु उस शासक के साथ रहता था। प्रभु शासक के जीवनभर इस्राएलियों को उनके शत्रुओं के हाथ से मुक्त रखता था। जब वे अत्याचारी के अत्याचार तथा शत्रुओं के दबाव के कारण कराहते थे, तब प्रभु दया से द्रवित हो जाता था।
जब प्रभु देखेगा कि उसके लोगों का भुजबल जाता रहा, स्वाधीन और पराधीन, दोनों प्रकार के लोग नहीं रहे, तब वह अपने निज लोगों को निर्दोष सिद्ध करेगा, वह अपने सेवकों पर दया करेगा।
मैंने यह विधान तुम्हारे पूर्वजों को उस समय सुनाया था, जब मैंने उनको मिस्र देश की गुलामी से, लोहे की भट्टी से बाहर निकाला था, और उन से यह कहा था, “जो मैं तुम से कहता हूं, यदि उस को तुम मानोगे, मेरी प्रत्येक आज्ञा का पालन करोगे, तो तुम मेरे निज लोग कहलाओगे, और मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा।”
‘अब, यिर्मयाह, तू यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों से यह कह : “प्रभु यों कहता है : देखो, मैं तुम्हारा अनिष्ट करने का विचार कर रहा हूँ; मैं तुम्हारे विरुद्ध अनिष्ट की योजना बना रहा हूं। अत: प्रत्येक मनुष्य अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटे, और तुम-सब अपना-अपना आचरण और व्यवहार सुधारो।”