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यिर्मयाह 17:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

8 वह मानो कल-कल करते झरने के तट पर रोपा गया वृक्ष है; जिसकी जड़ें गहरे पानी में होती हैं। जब दोपहर के सूरज की प्रखर किरणें उस पर पड़ती हैं, तब वह उनकी गर्मी से नहीं मुरझाता; उसके पत्ते सदा हरे बने रहते हैं। वर्षा न होने पर भी उनको चिन्‍ता नहीं होती, क्‍योंकि वह सूखा पड़ने पर भी फलता है।

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पवित्र बाइबल

8 वह व्यक्ति उस पेड़ की तरह शक्तिशाली होगा जो पानी के पास लगाया गया हो। उस पेड़ की लम्बी जड़ें होती हैं जो पानी पाती हैं। वह पेड़ गर्मी के दिनों से नहीं डरता इसकी पत्तियाँ सदा हरी रहती हैं। यह वर्ष के उन दिनों में परेशान नहीं होता जब वर्षा नहीं होती। उस पेड़ में सदा फल आते हैं।

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Hindi Holy Bible

8 वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के तीर पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब घाम होगा तब उसको न लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

8 वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के किनारे लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब धूप होगी तब उसको न लगेगी, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

8 वह व्यक्ति जल के निकट रोपित वृक्ष के सदृश है, जो जल प्रवाह की ओर अपनी जड़ें फैलाता जाता है. ग्रीष्मकाल का उसे कोई भय नहीं होता; उसकी पत्तियां सदैव हरी ही रहेंगी. अकाल उसके लिए चिंता का विषय न होगा और इसमें समय पर फल लगना बंद नहीं होगा.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

8 वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के किनारे पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब धूप होगी तब उसको न लगेगी, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा।”

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यिर्मयाह 17:8
12 क्रॉस रेफरेंस  

मेरी जड़ें जल के झरने तक पहुँच जाएंगी, रात भर मेरी शाखाओं पर ओस गिरेगी,


अधर्मी मनुष्‍य उस पौधे के समान है जो धूप में हरा-भरा हो जाता है; उसकी शाखाएँ उद्यान में इधर-उधर फैल जाती हैं।


वह उस वृक्ष के समान है जो नहर के तट पर रोपा गया, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। जो कुछ धार्मिक मनुष्‍य करता है, वह सफल होता है।


अपनी धन-सम्‍पत्ति पर भरोसा करनेवाला सूखे पत्ते के समान झड़ जाता है; पर धार्मिक मनुष्‍य नए पत्ते के समान लहलहाता है।


प्रभु निरन्‍तर तेरा मार्गदर्शन करता रहेगा, और वह अभाव के दिनों में भी तुझे तृप्‍त करेगा। वह तेरी हड्डियों को मजबूत बनाएगा, और तू सिंचे हुए उद्यान के सदृश हरा-भरा होगा; तू उस झरने के समान होगा, जिसका जल कभी नहीं सूखता।


प्रभु ने मुझे इसलिए भेजा है कि मैं सियोन में शोक करनेवालों को राख नहीं, वरन् विजय-माला पहनाऊं; विलाप नहीं, बल्‍कि उनके मुख पर आनन्‍द का तेल मलूं, उन्‍हें निराशा की आत्‍मा नहीं, वरन् स्‍तुति की चादर ओढ़ाऊं, ताकि वे धार्मिकता के बांज वृक्ष कहलाएँ; वे प्रभु के पौधे कहलाएँ और उनसे प्रभु की महिमा हो।


मैं निस्‍सन्‍देह तुझे बचाऊंगा, और तू शत्रु की तलवार से नहीं मारा जाएगा। तूने मुझ पर भरोसा किया है, इसलिए तेरा प्राण बचा रहेगा। युद्ध की लूट के समान तू अपने जीवन को बचाएगा। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।” ’


मैंने तुमको लबानोन के देवदार के विशाल वृक्ष के समान विकसित किया है, जिसकी सुन्‍दर शाखाएं होती हैं, जो सघन वन के समान शीतल छाया देता है; जिसकी ऊंचाई आसमान को छूती है, जिसकी चोटी बादलों में छिप जाती है।


नदी के दोनों किनारों पर अनेक प्रकार के पेड़ होंगे, जो आहार के लिए फल देंगे। उनके पत्ते कभी नहीं मुरझाएंगे, और न ही उनमें फल लगना बन्‍द होगा। किन्‍तु ये पेड़ हर महीने नए फल दिया करेंगे, क्‍योंकि उनको सींचनेवाला जल पवित्र-स्‍थान से निकला है! उनके फल आहार के, और पत्ते औषधि के काम आएंगे।’


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