राजा आसा ने समस्त यहूदा प्रदेश में अनिवार्य सैनिक सेवा की घोषणा कर दी। एक भी व्यक्ति नहीं छोड़ा गया। जिन पत्थरों और लकड़ियों से बाशा रामाह की किलाबन्दी कर रहा था, उनको यहूदा प्रदेश के लोग ढोकर ले गए। राजा आसा ने उन पत्थरों और लकड़ियों से बिन्यामिन कुल के भूमिक्षेत्र के गेबा नगर और मिस्पाह नगर की किलाबन्दी की।
राजा योशियाह यहूदा प्रदेश के नगरों से सब पुरोहितों को लाया। उसने गेबा नगर से बएर-शेबा तक, पहाड़ी-शिखर की वेदियों को, जहां पुरोहित सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते थे, अशुद्ध कर दिया। नगर के महापौर यहोशुअ के दरवाजे के सम्मुख बनी अज-देवताओं की वेदी को उसने तोड़ दिया। यह नगर के प्रवेश-द्वार की बाईं ओर थी।
उन्होंने हारून के वंशजों को बिन्यामिन कुल के ये नगर भी दिये : गेबा, आलेमेत, अनातोत और उनके चरागाह। उनके सब गोत्रों को प्राप्त नगरों की संख्या तेरह थी।
ये एहूद के पुत्र थे: नामान, अहिय्याह और गेरा। ये गेबा नगर के रहने वालों के पितृकुलों के मुखिया थे। इन्हें बन्दी बनाकर मानाहत नगर को निष्कासित किया गया था। गेरा को हेगलाम भी कहते हैं। यह बाद में ऊज्जा और अहीहूद का पिता बना।
बेत-गिलगाल नगर से, गेबा और अज्मावेत के क्षेत्रों से भी गायक एकत्र हुए; क्योंकि गायकों ने यरूशलेम के आसपास के क्षेत्रों में अपनी-अपनी बस्ती बसा ली थी।
समस्त देश एक मैदान के रूप में बदल जाएगा: देश गेबा नगर से यरूशलेम के दक्षिण में स्थित रिम्मोन नगर तक एक विस्तृत सपाट भूमि हो जाएगा। परन्तु यरूशलेम अपने ऊंचे स्थान पर बसा रहेगा। उसकी नगर-सीमा बिन्यामिन-द्वार से नुक्कड़वाले फाटक तक (जहां प्राचीन काल में प्रवेश-द्वार था), हननएल मीनार से राजा के अंगूर-रस कुण्डों तक होगी।