किन्तु उन्होंने मुझ से विद्रोह किया। मेरी बात नहीं सुनी। किसी ने भी मिस्र देश की घृणित मूर्तियों को अपने से दूर नहीं किया। वे उनसे चिपके रहे, और उनको नहीं छोड़ा; क्योंकि उन पर उनकी आंखें लगी थीं। ‘तब मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए मिस्र देश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा।
अत: मैं भीतर गया, और मैंने दीवार पर एक कोने से दूसरे कोने तक अनेक चित्र देखे: सब प्रकार के कीड़ों-मकौड़ों के चित्र, घृणित पशुओं के चित्र, और इस्राएलियों के द्वारा पूजे जानेवाले देवी-देवताओं के चित्र!
उसने मुझसे फिर कहा, ‘ओ मानव, क्या तू देख रहा है कि वे क्या कर रहे हैं? इस्राएल का यह कुल मन्दिर में कितने घृणित कार्य कर रहा है! वह मुझे इस पवित्र स्थान से भगा देना चाहता है। परन्तु तू इन से भी अधिक घृणित कार्य देखेगा।’