यहेजकेल 7:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)26 उन पर एक के बाद एक विपत्ति आएगी; युद्ध की अफवाहें चारों ओर फैलेंगी। वे नबियों के पास मेरा दर्शन पाने के लिए जाएंगे। परन्तु स्वयं पुरोहित मेरी धर्म-व्यवस्था से वंचित हो जाएगा, और न धर्मवृद्ध के पास परामर्श देने का सामर्थ्य रहेगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल26 तुम एक के बाद दूसरी दःख—कथा सुनोगे। तुम बुरी खबरों के अलावा कुछ नहीं सुनोगे। तुम नबी की खोज करोगे और उससे दर्शन पूछोगे। किन्तु कोई मिलेगा नहीं। याजक के पास तुम्हें शिक्षा देने को कुछ भी नहीं होगा और अग्रजों (प्रमुखों) के पास तुम्हें देने को कोई अच्छी सलाह नहीं होगी। अध्याय देखेंHindi Holy Bible26 विपत्ति पर विपत्ति आएगी और उड़ती हुई चर्चा पर चर्चा सुनाई पड़ेगी; और लोग भविष्यद्वक्ता से दर्शन की बात पूछेंगे, परन्तु याजक के पास से व्यवस्था, और पुरनिये के पास से सम्मति देने की शक्ति जाती रहेगी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)26 विपत्ति पर विपत्ति आएगी और उड़ती हुई चर्चा पर चर्चा सुनाई पड़ेगी; और लोग भविष्यद्वक्ता से दर्शन की बात पूछेंगे, परन्तु याजक के पास से व्यवस्था, और पुरनिये के पास से सम्मति देने की शक्ति जाती रहेगी। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल26 विपत्ति के ऊपर विपत्ति आएगी, और अफवाह के ऊपर अफवाह फैलेगा. वे भविष्यवक्ता से दर्शन की खोज करेंगे, कानून में पुरोहित के निर्देश बंद हो जाएंगे, अगुओं की सलाह खत्म हो जाएगी. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201926 विपत्ति पर विपत्ति आएगी और उड़ती हुई चर्चा पर चर्चा सुनाई पड़ेगी; और लोग भविष्यद्वक्ता से दर्शन की बात पूछेंगे, परन्तु याजक के पास से व्यवस्था, और पुरनिये के पास से सम्मति देने की शक्ति जाती रहेगी। अध्याय देखें |
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
जब वे तुझ से पूछेंगे, “आप क्यों दु:ख मना रहे हैं?” तब तू उनको बताना, “समाचार के कारण; क्योंकि ऐसी घटना घटनेवाली है जिसको देखकर सब लोगों का हृदय कांप उठेगा, उनके हाथ सुन्न पड़ जाएंगे। वे भय से मूच्छिर्त हो जाएंगे। वे अपने पैरों पर खड़े न हो सकेंगे। देखो, महाविनाश आ रहा है। यह विनाशकारी घटना अवश्य घटेगी,” स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।’
ओ यरूशलेम, तेरे पुरोहित मेरे नियम-विधियों का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है। वे मुझ-प्रभु को अर्पित पवित्र वस्तु, और जन-साधारण की वस्तु में कोई भेद नहीं करते। उन्होंने लोगों को यह भी नहीं सिखाया कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में शुद्ध है, और कौन-सी अशुद्ध। उन्होंने मेरे पवित्र विश्राम-दिवस की उपेक्षा की है जिसके कारण मैं अपवित्र समझा गया हूँ।