राजा योशियाह वहां से मुड़ा। उसने पहाड़ पर कबरें देखीं। उसने सेवक भेजकर कबरों में से अस्थियां निकालीं। तत्पश्चात् उसने अस्थियों को वेदी पर जलाया, और उसको अशुद्ध कर दिया। इस प्रकार प्रभु का वचन पूर्ण हुआ। जब राजा यारोबआम पर्व के समय वेदी के समीप खड़ा था, तब परमेश्वर के जन ने इस वेदी के सम्बन्ध में ये ही वचन कहे थे। जाते समय योशियाह ने परमेश्वर के उस जन की कबर देखी, जिसने नबूवत की थी।
जहां आतंक था ही नहीं वहां वे अत्यन्त आतंकित हो उठे! परमेश्वर ने उनकी अस्थियों को चूर-चूर कर दिया, उन्होंने तेरे विरुद्ध घेरा डाला था। तूने उन्हें लज्जित किया; क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें त्याग दिया था।
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, यह मेरे सिंहासन का स्थान है। यही मेरे चरणों की चौकी है। इसी स्थान में मैं युग-युगांत इस्राएली लोगों के मध्य निवास करूंगा। अब इस्राएल के वंशज मेरे पवित्र नाम को अपवित्र नहीं करेंगे: न वे और न उनके राजा दूसरे देवताओं का अनुसरण कर मेरे प्रति विश्वासघात करेंगे, और न अपने मृत राजाओं की समाधि बना कर मेरे पवित्र नाम को अपवित्र करेंगे।
अत: मैं-प्रभु यह कहता हूं: सुनो, वे दिन आ रहे हैं, जब यह स्थान न तोपेत कहलाएगा, और न बेन-हिन्नोम की घाटी ही। वरन् यह स्थान “महावध की घाटी” कहलाएगा। मुरदों को गाड़ने के लिए स्थान नहीं बचेगा, इसलिए लोग तोपेत में भी मुरदों को गाड़ेंगे।