‘पवित्र अर्पित भूमिक्षेत्र और नगर के क्षेत्र के दोनों ओर का बचा हुआ भाग इस्राएल देश के शासक को मिलेगा। शासक की भूमि-सीमा यह होगी: पवित्र अर्पित भूमि-भाग की साढ़े बारह किलोमीटर भूमि से पूर्वी सीमा तक का लगा हुआ भाग तथा पश्चिम में, पश्चिमी सीमा तक, साढ़े बारह किलोमीटर की भूमि से लगा हुआ भाग, जो कुलों के भूमि-भागों के समानान्तर होगा। यही भूमिक्षेत्र इस्राएल देश के शासक का होगा। उसके बीच में पवित्र अर्पित भूमि-भाग और मन्दिर का पवित्र स्थान होगा।