6 तब उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, क्या तुमने जिन चीजों को देखा, उन पर गहराई से ध्यान दिया?” तब वह व्यक्ति नदी के किनारे के साथ मुझे वापस ले गया।
प्रभु ने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, आंखें खोल कर देख, और कान लगाकर सुन। जो कुछ मैं तुझसे कहूंगा, उसको ध्यान से सुनना। मैं तुझको अपने भवन के सारे आदेश और उसकी सब धर्म-विधियों के सम्बन्ध में बताऊंगा। ध्यान दे: मैं बताऊंगा कि कौन व्यक्ति भवन में प्रवेश कर सकता है, और किस व्यक्ति के लिए पवित्र स्थान में प्रवेश निषिद्ध है।
उस आदमी ने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, जो कुछ तू सुनेगा, जो कुछ देखेगा, तू उसको ध्यान से देखना, और कान लगाकर सुनना। जो मैं तुझको दिखाऊंगा, उस पर मन लगाना। तुझे यहां इसीलिए लाया गया है कि मैं तुझको यह सब-कुछ दिखाऊं। जो कुछ तू यहां देखेगा, वह इस्राएल वंशियों को बताना।’
उसने मुझसे पूछा, ‘तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?’ मैंने यह उत्तर दिया, ‘एक कुंडलपत्र, जो हवा में उड़ रहा है। उसकी लम्बाई लगभग नौ मीटर और चौड़ाई साढ़े चार मीटर है।’
उसने मुझसे पूछा, ‘तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?’ मैंने बताया, ‘एक दीवट है। वह पूर्णत: सोने का है। उसके शिखर पर एक कटोरा है। कटोरे पर सात दीपक हैं। प्रत्येक दीपक में बत्ती के लिए सात नालियाँ हैं।
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, तू यह देख रहा है न? मैं तुझसे पूछता हूँ, क्या यहूदा कुल के लिए यह हल्की बात है, कि यहां वे ये घृणित कार्य कर रहे हैं? उन्होंने सारे देश को हिंसात्मक कार्यों से भर दिया है तथा वे अपने इन्हीं घृणित कार्यों से मुझे क्रोध दिलाते हैं। वे मानो मुंह बना कर मुझे चिढ़ाते हैं।
उसने मुझसे फिर कहा, ‘ओ मानव, क्या तू देख रहा है कि वे क्या कर रहे हैं? इस्राएल का यह कुल मन्दिर में कितने घृणित कार्य कर रहा है! वह मुझे इस पवित्र स्थान से भगा देना चाहता है। परन्तु तू इन से भी अधिक घृणित कार्य देखेगा।’